विभाग के अनुसार महज 2 दिनों में इस योजना पर कुल 10.24 करोड़ रुपए का खर्च आया है। यह चुनाव से पहले का कांग्रेस का एक अहम वादा था। परिवहन विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़े के अनुसार कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम को 3.58 करोड़ रुपए का यहां (बेंगलुरु में) सरकारी बसों का परिचालन करने वाले बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन परिवहन निगम को 1.75 करोड़ रुपए का, उत्तर-पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम को 2.11 करोड़ रुपए का तथा कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम को 1.40 करोड़ रुपए का खर्च उठाना पड़ा है।