दोरफांग को पकड़ने के लिए पुलिस ने राज्य सहित असम की कई जगहों पर छापे मारे, जहां वे शुक्रवार सुबह तक आते-जाते रहे थे। बहरहाल, ये छापेमारी नाकाम रहीं। दोरफांग एक सशस्त्र संगठन के सह संस्थापक भी रह चुके हैं। उन्होंने 2007 में आत्मसमर्पण कर दिया था।
सेक्स रैकेट का मामला तब सामने आया, जब पिछले महीने 14 वर्षीय एक नाबालिग लड़की की तस्करी के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्य के गृहमंत्री एचडीआर लिंगदोह के बेटे के स्वामित्व वाले एक अतिथि गृह के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया।