शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा है, 'किसानों की वेदना की आग को सिर्फ वादों के जरिए नहीं बुझाया जा सकता है। सोमवार को किया गया महाराष्ट्र बंद सरकार के लिए चेतावनी थी। अगर सरकार के द्वारा इससे उचित सीख नहीं ली गई तो किसानों की वेदना का यलगार भाजपा के लिए तबाही पैदा करेगा।
इसमें कहा गया है, 'क्या अब किसानों को समझा जाएगा।' इस संपादकीय में कहा गया है कि सरकार धीरे-धीरे किसानों की एकता की चुभन महसूस करेगी और किसानों की पूर्ण रिण मांफी की मांग और उन्हें कृषि उपज का सही मूल्य देने के लिए विवश होगी। (भाषा)