डॉ. काबरा ने कहा कि उसने मुझे अपने अवसाद के बारे में बताया और अपने पुरुष मित्र के गुस्से तथा हिंसक व्यवहार के बारे में बताया। मैंने उससे कहा कि मैं पहली बार सलाह लेने वाले रोगियों को फोन पर परामर्श नहीं देता, लेकिन युवती ने कहा कि कोविड के खतरे के मद्देनजर वह व्यक्तिगत रूप से अस्पताल नहीं आ सकेगी।
तब डॉ. काबरा ने उससे कहा कि उन्हें उसका और उसके पुरुष मित्र, दोनों के मनोविकार मूल्यांकन तथा मनोवैज्ञानिक जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह कई कारणों से अस्पताल आने में संकोच कर रही थी, लेकिन उसने मुझसे फोन पर कहा कि आफताब छोटी-छोटी बातों पर बहुत गुस्सा हो जाता है और उसे डर है कि वह उसे या खुद को या दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।