विधानसभा में नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्यमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कल 2014 से 2017 के अगस्त में मेडिकल कालेज में बच्चों की मृत्यु का आंकड़ा पेश किया था। सिंह के आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2014 में 567, अगस्त 2015 में 668 और अगस्त 2016 में 587 मृत्यु हुई थी। इस वर्ष भी औसतन उतनी ही जाने गईं।
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन आंकड़ों को बताकर सरकार क्या कहना चाहती है। उन्होंने सवाल किया कि यदि अगस्त में मौतें होती ही हैं तो इतनी अफरा-तफरी क्यों है? मुख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को क्यों गोरखपुर भेजा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्यों चिंतित हैं? उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को क्यों गोरखपुर जाने को कहा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी क्यों गठित की गई? प्रधानाचार्य को क्यों निलम्बित किया गया? यह सब इसीलिए हुआ कि मौतें स्वाभाविक या सामान्य परिस्थितियों में नहीं हुई थीं।