मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक 'सरोगेट' मां को अपने 24 हफ्ते के भ्रूण का गर्भपात करने की इजाजत दे दी। दरअसल, अदालत ने पाया कि भ्रूण के हृदय में कई विकृतियां हैं। न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एक अवकाश पीठ पुणे की एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने अपने 24 हफ्ते के भ्रूण का गर्भपात करने की इजाजत मांगी थी।
इसके बाद महिला ने अपने माता-पिता के साथ उच्च न्यायालय का रुख कर गर्भपात कराने की इजाजत मांगी, क्योंकि गर्भ 20 हफ्ते से अधिक का हो गया था। गौरतलब है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 20 हफ्ते से अधिक अवधि का गर्भ गिराने की तब तक इजाजत नहीं देता, जब तक कि उच्च न्यायालय किसी सरकारी अस्पताल की एक विशेषज्ञ मेडिकल टीम की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद इस बारे में निर्देश नहीं जारी कर दे।