अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सेवा से कहा, “यह घटना हिंदू भावनाओं पर हमला है...यह करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर हमला है। यह संगठित अपराध का हिस्सा है। यह हिंदू समुदाय के साथ किया गया एक बड़ा विश्वासघात है...इसकी गहन जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इसे विवाद कहना उचित नहीं है...यह उससे कहीं अधिक है। 1857 के विद्रोह के दौरान एक मंगल पांडे ने चर्बी वाले कारतूस को मुंह से खोलने से मना कर दिया था, इससे देश में क्रांति आ गई थी। लेकिन आज इसे करोड़ों भारतीयों के मुंह में ठूंस दिया गया... यह कोई छोटी बात नहीं है। इस मामले की जांच में देरी नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि देश भर में गोहत्या पर प्रतिबंध लगे और इसे रोकने के लिए सख्त कानून बने। यह काफी परेशान करने वाली बात है कि देश में गोमांस का निर्यात दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। केंद्र सरकार को इस संबंध में सक्रिय कदम उठाने चाहिए।”
देश में जाति आधारित जनगणना कराने की विपक्षी दलों की मांग पर उन्होंने कहा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जाति आधारित जनगणना जरूर होनी चाहिए ताकि सरकार समाज के कमजोर तबके के लोगों की बेहतरी के लिए कदम उठा सके। भाषा