तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्कामुक्की की। हालांकि भाजपा ने आरोप को खारिज किया है। बनर्जी ने ट्वीट कर त्रिपुरा की भाजपा सरकार पर राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।
उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाए। पुलिस ने कहा कि घोष से पूछताछ के दौरान थाने के बाहर एकत्र लोगों के समूह पर कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने हमला किया। हालांकि हमले में किसी को चोट नहीं आई।
तृणमूल कांग्रेस की नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देब ने कहा, हमारे उम्मीदवारों को पीटा गया, उनके घरों में तोड़फोड़ की गई और शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस यहां एकतरफा तरीके से काम कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि त्रिपुरा में जिस तरह का लोकतंत्र है तो हम अपने नेताओं से पश्चिम बंगाल में (भाजपा के साथ) भी ऐसा ही करने को कहेंगे।
वहीं भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया, क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती।