अपने जज्बे और हौसले के दम पर सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली टुम्पा बरमन (21) बारहवीं की पढ़ाई पूरी कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग करना चाहती थीं। इसी इरादे के साथ उसने 'पिलॉन' संगठन में एक महिला चालक की नौकरी कर ली, जिसमें उसे सुबह आठ से शाम के छह बजे तक महिलाओं को ई-बाइक टैक्सी से लाना और पहुंचाना रहता है।
पिलॉन संगठन सस्ती दर पर बैटरी से चलने वाली 60 ई-बाइक-टैक्सी चलाता है। संगठन फिलहाल करोलबाग और झंडेवालान क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में अपनी सेवा प्रदान करता है। इससे छात्रों, कार्यालय जाने वालों और आम लोगों को सुविधा होती है।