Hathras Stampede News : नारायण हरि भोले बाबा हाथरस के सिकन्दराराऊ में मंगलवार को एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की घटना के बाद से खासी चर्चा में हैं। उत्तरप्रदेश के कई जिलों से कनेक्शन सामने आ रहा है। आगरा जिले में 18 मार्च 2000 में भोले बाबा समेत 7 लोगों पर एक मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा थाना शाहगंज में बाबा के स्वांग रचने पर हुआ, बाबा ने ढोंग करते हुए एक मरी लड़की स्नेह लता को जिंदा करने के नाम पर भीड़ एकत्रित करने का था। पुलिस को हल्का बल प्रयोग करके हंगामा कर लोगों को हटाया था।
गोद ली हुई थी लड़की : पीटीआई के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनकी कोई संतान नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबा ने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु करीब 16-17 साल पहले हो गई थी तथा बाबा ने दो दिन तक उसके शव को घर पर रखा था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह जीवित हो जाएगी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने लड़की का अंतिम संस्कार किया था।
दर्ज हुआ था मामला : इस मामले मे भोले बाबा के खिलाफ औषधि और चमत्कारी उपचार की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। चमत्कार के नाम पर दूरदराज से लोग इकट्ठा हो गए। पुलिस ने इस मामले में पहले चार्ज सीट दाखिल करते हुए 2 दिसंबर 2000 को एफआईआर लगा दी। ढोंगी बाबा 24 साल बाद फिर से एक बार सुर्खियों में आ गए है।
खुलेंगे पुराने चिट्ठे : उम्मीद है कि सरकार उनके कृत्य की पुरानी फाइलें फिर से खोलेगी। भोले बाबा की परत दर परत खुलती नजर आ रही हैं। हाथरस सत्संग में भगदड़ और मौतों के बढ़ते आंकड़े ने सरकार की नींद उड़ा दी है। उत्तरप्रदेश का शासन और हाथरस प्रशासन बाबा को घेरने के लिए जांचों का पिटारा खोल रहे हैं। इसी कड़ी में वर्ष 2021 में 23 नवंबर से 11 दिसंबर तक में भोले बाबा समागम के लिए आवास-विकास लकूला मैदान में 50 लोगों की अनुमति लेकर 50,000 की भीड़ जुटाई गई थी।
कोरोना काल में किया था जमावड़ा : कोरोना काल में साकार विश्व हरि के कार्यक्रम में परमिशन से ज्यादा भीड़ जोड़ने को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ था। कोरोना काल में भीड़ जुटाने को लेकर आयोजकों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। गौरतलब है कि यह भीड़ 7 दिसंबर 2021 को आवास विकास लकूला में जुटी, जबकि समागम का समापन कार्यक्रम 11 दिसंबर 2021 में होना था।
50 हजार लोगों के शहर में जुटने से जाम लग गया। जांच में पता चला कि तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव ने साकार विश्व हरि के सम समागम में मात्र 50 लोगों को सम्मिलित होने की अनुमति दी थी। नगर मजिस्ट्रेट ने आयोजक सुरेश चंद्र भास्कर को नोटिस भी जारी किया था। समागत अवधि से पहले कार्यक्रम समाप्त कर दिया गया था।