बद्रीनाथ-केदरनाथ मंदिर में Paytm QR कोड पर बवाल, मंदिर समिति ने दिया बड़ा बयान

एन. पांडेय
बुधवार, 3 मई 2023 (09:16 IST)
Badrinath-Kedranath Temple: देहरादून। श्री बद्रीनाथ व श्री केदारनाथ मंदिर (Shri Badrinath and Shri Kedarnath temple) परिसरों में पेटीएम (Paytm) के क्यूआर स्कैनर कोड (QR scanner code) लगाने के मामले में मचे हो-हल्ले के बाद स्थिति स्पष्ट होने का दावा किया जा रहा है। विवाद बढ़ने पर  पेटीएम के अधिकारियों ने खेद व्यक्त किया।
 
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया है कि पेटीएम द्वारा देश के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों को डिजिटल दान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस क्रम में श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की वर्ष 2017 में संपन्न बोर्ड बैठक में केदारनाथ धाम में यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पेटीएम के साथ अनुबंध करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
 
प्रस्ताव के क्रम में वर्ष 2018 में दोनों पक्षों के बीच अनुबंध हुआ, तब से निरंतर पेटीएम द्वारा श्री केदारनाथ धाम में क्यूआर कोड के छोटे साइन बोर्ड लगाए जाते रहे हैं। पेटीएम की ओर से वर्तमान यात्रा काल में श्री केदारनाथ के अलावा श्री बद्रीनाथ धाम में बड़े साइज के कई साइन बोर्ड लगाए गए। मगर पेटीएम की ओर से क्यूआर कोड के बोर्ड लगाने से पूर्व बीकेटीसी के सक्षम अधिकारियों को लिखित अथवा मौखिक किसी भी तरह से बोर्ड लगाने अथवा उनके साइज, स्थान आदि के बारे में कोई चर्चा व जानकारी नहीं दी गई।
 
प्रकरण के बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर इन्हें तत्काल हटा दिया गया था। बीकेटीसी ने प्रकरण की अपने स्तर से भी जांच की और किसी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका के चलते पुलिस को लिखित में शिकायत सौंपी। बीकेटीसी की आंतरिक जांच और पुलिस में शिकायत के पश्चात पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मंदिर प्रशासन से संपर्क किया गया।
 
पेटीएम की ओर से हुई इस चूक पर बीकेटीसी अध्यक्ष ने कंपनी के अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई और इसे गैर जिम्मेदाराना रवैया बताया। इस पर पेटीएम के अधिकारियों द्वारा बीकेटीसी प्रशासन से मौखिक रूप में अपनी गलती को स्वीकारते हुए पूरे घटनाक्रम को लेकर खेद व्यक्त किया। मंदिर प्रशासन ने अपनी जांच में पाया कि पेटीएम के माध्यम से अनुबंध होने के पश्चात से अब तक मंदिर समिति को 67 लाख रुपए दान के रूप में प्राप्त हुए हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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