लखनऊ। कानूनी सलाह लेने के बाद उत्तर प्रदेश का राज्य संपत्ति विभाग ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा खाली किए गए बंगलों में सरकारी संपत्ति के नुकसान की जांच का फैसला लिया है। संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने सोमवार को बताया कि विभाग के कर्मचारियों ने खाली बंगलों के सामान की सूची बनानी शुरू कर दी है। अगर कोई सामान गायब मिलता है तो उस दशा में संबंधित पूर्व मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव के खाली किए गए सरकारी बंगलों में सामान का मिलान पुराने दस्तावेजों में दर्ज सामान से कराया जा रहा है जिसके बाद बंगलों में गायब सामान की सूची बनाई जाएगी।
उधर अखिलेश यादव ने खुद का बचाव करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि बंगला मुद्दा को उछालकर सत्तारुढ़ दल उनकी बेदाग छवि को बदनाम करने का कुचक्र रच रहा है। मैं ने सिर्फ अपनी लगाई चीजों को बंगले से निकाला है। मैंने कोई भी महं गा सामान बंगले से नहीं निकाला बल्कि प्रभु कृष्ण का मंदिर और महंगे पेड़-पौधे पर उन्होंने हाथ भी नहीं लगाया। इसके बावजूद सरकार मुझे गायब सामान की सूची मुहैया कराए, मैं उसका भुगतान कर दूंगा, हालांकि सरकार का वह सामान लौटाना होगा जिसे मैंने वहां लगाया था।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पिछली 2 जून को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपना सरकारी बंगला छोड़ दिया था। अखिलेश अब सुल्तानपुर रोड पर अंसल टाउनशिप में परिवार संग रहते हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता नारायणदत्त तिवारी ने अभी अपना बंगला खाली नहीं किया है। (वार्ता)