देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार ने गुजरात में झूला पुल टूटने के बाद प्रदेश के जिला के प्रभारियों को पत्र भेजकर झूला पुलों की स्थिति जांचने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलों से संबंधित तकनीकी विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट सही होने के बाद ही इन पर आवाजाही होने दी जाए। जिन पुलों को बंद किया गया है, उन पर किसी भी तरह की आवाजाही हुई तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में कई जगह आवाजाही के लिए गुजरात के मोरबी की तरह झूला पुलों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कुछ पुराने हैं तो कई नए अभी-अभी बने हुए हैं। उनका समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाता है। ऐसा ही एक झूला पुल उत्तराखंड के ऋषिकेश में है। ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल कमजोर और बेहद पुराना होने के कारण रात में आवाजाही को बंद कर दिया गया था। इसके लिए वहां पर स्थानीय कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस बल भी तैनात रहता है।
लक्ष्मण झूला पुल खतरे की जद में : पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि पुलों के संबंध में जो तकनीकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाती हैं, उनका भी समय पर अवलोकन कर लिया जाए। ऋषिकेश में पुराना लक्ष्मण झूला पुल खतरे की जद में है। यहां पर अतिरिक्त चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी जिला पुलिस कप्तानों को प्रशासन के साथ तालमेल बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
लोनिवि ने किए 436 पुराने पुल चिन्हित: लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में ऐसे 436 पुराने पुल चिन्हित कर लिए हैं। इनमें से अधिकांश पुल राज्य के पर्वतीय जिलों में हैं। इनमें सबसे अधिक 207 पुल स्टेट हाईवे पर हैं। राज्य मार्गों पर बने ये पुल या तो पुराने या जर्जर हो चुके हैं या फिर वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते ये उनका लोड सहने के योग्य नहीं हैं।
बी श्रेणी के पुलों की सूची तैयार : बी श्रेणी के इन पुलों को चिन्हित करने के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर पुराने पुलों की सूची तैयार कर ली गई है। प्रमुख अभियंता लोनिवि अयाज अहमद ने पुलों को चिन्हित किए जाने की पुष्टि की। उन पुलों को सबसे पहले बदला जाएगा, जो सबसे अधिक प्रयोग में लाए जा रहे हैं और जिन पर वाहनों की आवाजाही का अधिक दबाव है।
यह भी देखा जाएगा कि इनमें से कितने पुल सामरिक और पर्यटन व यात्रा के महत्व से जुड़े हैं? इन खतरनाक पुलों में से राज्यमार्ग पर 207, मुख्य जिला मार्ग पर 65, अन्य जिला मार्गों पर 60 व ग्रामीण मार्गों पर 104 पुल शामिल हैं।