श्रीनगर। अंकिता भंडारी हत्याकांड से उपजा जनाक्रोश अब भी नहीं थमा है। लोग इसके खिलाफ पूरे उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अंकिता की मां ने अंकिता के जल्दबाजी में किए गए दाह संस्कार पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि उन्हें उनकी बच्ची के दाह संस्कार के बारे में बताया तक नहीं गया। उन्हें जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती कर दाह संस्कार की बात को उनसे छुपाया गया।
उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार सरकार को इतनी जल्दी क्या पड़ी थी कि देर सायं को उनकी बेटी का संस्कार कर दिया, वह भी बिना मुझे उसकी शक्ल तक दिखाए। श्रीनगर के आईटीआई घाट पर अंकिता का अंतिम संस्कार करने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अंकिता के पिता की बात करवाई गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद अंकिता भंडारी के पिता अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए।
अंकिता की मां सोनी देवी के घबराहट और बेचैनी महसूस करने की शिकायत पर रविवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में भर्ती कराया गया था।आज सुबह साढ़े 9 बजे उन्हें डिस्चार्ज करने के बाद फिर से यह शिकायत मिली कि उनकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर ने घर पर आकर उनकी जांच की।
अब अंकिता की मां कह रही हैं कि अंतिम संस्कार उनको धोखे में रखकर किया गया।अंकिता की मां ने कहा कि उन्हें लिख के दिया जाए कि आरोपियों को इस दिन फांसी होगी।उन्होंने कहा कि ये अधिकार मां को दे दिया जाए। आरोपियों को उनको सौंप दिया जाए, मैं अपने आप न्याय करूंगी। अंकिता की मां ने कहा कि इतने सारे साक्ष्य अंकिता के साथ हुए जुल्म के हैं पुलिस-प्रशासन के पास और क्या साक्ष्य चाह रहा है आरोपियों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन?
दूसरी तरफ अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की टीम ने हत्याकांड की जांच अपने तरीके से शुरू कर दी है। सोमवार को फॉरेंसिक टीम एक बार फिर वनंत्रा रिजॉर्ट पहुंची। वनंत्रा रिजॉर्ट को तोड़े जाने से पहले भी फॉरेंसिक टीम ने यहां से सबूत इकट्ठे किए थे। रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाकर सबूत नष्ट किए जाने के सवाल पर एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी. रेणुका देवी का कहना है कि फॉरेंसिक जांच में इस्तेमाल होने वाले सभी सबूत सुरक्षित हैं।
अंकिता भंडारी बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के वनंत्रा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। आरोप है कि रिजॉर्ट में गलत गतिविधियां चलाए जाने का विरोध करने और रिजॉर्ट संचालकों के कहे अनुसार अपने को न प्रस्तुत करने से उत्पन्न नाराजगी से संचालकों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।
पूर्व मुख्यमत्री हरीश रावत का भी इस मामले में बयान आया है। उन्होंने कहा कि कुछ सत्ताधारी नेताओं की शह पर पहाड़ की भोली-भाली बच्चियों को देह व्यापार में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह बेहद चिंताजनक है। हरीश रावत सोमवार दोपहर अंकिता भंडारी के परिजनों से मिलने गांव पहुंचे।
उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया।उन्होंने कहा कि कुछ सत्ताधारी नेताओं की शह पर पहाड़ की भोली-भाली बच्चियों को देह व्यापार में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह बेहद चिंताजनक है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई हैं। मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।