जोशीमठ। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को सड़क पर उतर आए भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ और आसपास के ग्रामीणों ने भू-धंसाव के लिए एनटीपीसी की विद्युत परियोजना और हेलंग-मारवाड़ी बाईपास को जिम्मेदार बताया और इसे स्थाई तौर पर बंद करने की मांग की।
ये प्रदर्शनकारी NTPC गो बैक के नारे भी लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इनको बचाने का प्रयास करती है तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा। भू-धंसाव से प्रभावित लोगों ने दोपहर करीब 12 बजे मारवाड़ी चौक होते हुए संस्कृत महाविद्यालय तक जन आक्रोश रैली निकाली और प्रदर्शन किया।
लोगों ने एनटीपीसी वापस जाओ, बाईपास निर्माण बंद करो, प्रभावितों को उचित मुआवजा दो, जैसे नारे लगाए। इससे पहले स्थानीय नागरिकों ने 26 जनवरी को भी जोशीमठ में विशाल तिरंगा यात्रा निकाली। इस तिरंगा यात्रा में महिलाओं ने भी खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने प्रदर्शन के बाद आयोजित सभा में कहा कि सभी लोगों की राय है कि जोशीमठ की बर्बादी के लिए एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना जिम्मेदार है। इसे तुरंत बंद करके कंपनी को वापस भेज देना चाहिए। साथ ही मांग की कि एनटीपीसी ने जितना खर्च किया है उसके दो गुना खर्च करके कंपनी को लोगों का पुनर्वास करना चाहिए।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, जो जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष हैं, ने कहा लोगों के घर टूट जाने से उनको शिविरों में दिन गुजारने पड़ रहे हैं, लेकिन सरकार न प्रभावितों को उचित मुआवजा दे पाई और न ही पुनर्वास कर पाई।
Edited By : Chetan Gour