क्या वंश बढ़ाने के लिए जेल में पति से मिल सकेंगी महिलाएं?

गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 (15:37 IST)
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने संविधान की आर्टिकल 21 का हवाला देते हुए कैदियों को अपना परिवार बढ़ाने के लिए कुछ समय अपनी पत्नी या पति के साथ गुजारने की अनुमति दे दी है। लंबी जद्दोजहद और विचार-विमर्श के बाद पंजाब सरकार ने यह अनुमति दी है। इसके लिए जेलों में विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। अलग कमरे बनाए गए हैं, जिनमें डबल बेड लगे हैं।
 
बताया जा रहा है कि पंजाब की इंदवाल साहिब, नाभा, लुधियाना और बठिंडा जेलों में यह सुविधा दी गई है। यह सुविधा गंभीर अपराधों में शामिल अपराधियों के लिए नहीं है। 
 
पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कर कुछ महिलाओं ने इसकी मांग की थी। शुरू में कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन बाद में ऐसी की एक अन्य याचिका पर विचार करते हुए पंजाब सरकार से नियम बनाने को कहा। सरकार ने नियम बना लिए हैं और कैदियों को परिवार बढ़ाने के लिए पति या पत्नी के साथ एकांतवास में समय बिताने अनुमति दी जा रही है।
 
क्या है नियम : कैदी को सबसे पहले आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ ही शादी का सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा। साथ ही पति-पत्नी दोनों की मेडिकल रिपोर्ट पेश करना होगी। इसके बाद अधिकारी नियमानुसार यह तय करेंगे कि कैदी को यह सुविधा प्रदान की जाए या नहीं। 
 
क्या कहता है अनुच्छेद 21 : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 (Article 21) देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन जीने और उसकी निजी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है। यदि कोई संस्था या व्यक्ति किसी व्यक्ति के इस अधिकार का उल्लंघन या हनन करने का प्रयास करता है तो पीड़ित सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है। यह अनुच्छेद प्राण और दैहिक स्वतंत्रता के संरक्षण से जुड़ा हुआ है। 
Edited by : Nrapendra Gupta 
 

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