योगी ने प्रयाग में किया 151 परियोजनाओं का शिलान्यास
शनिवार, 7 अप्रैल 2018 (20:00 IST)
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में कुंभ से संबंधित 684 करोड़ रुपए की 151 परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए गंगा हरितिमा अभियान 2018 का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने आज यहां गंगा हरितिमा अभियान 2018 एवं कुंभ 2019 प्रयाग में परियोजनाओं का शिलान्यास कार्यक्रम में लोगों को जीवनदायिनी, पापनाशिनी और मोक्षदायिनी गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण का मंत्र दिया और गंगा नदी क्षेत्र में वानस्पतिक आच्छादन बढ़ाए जाने का संकल्प दिलाया और कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है।
योगी ने कहा कि देश-दुनिया में उत्तर भारत केवल गंगा और यमुना की बदौलत उर्वरा के क्षेत्र में विख्यात है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कोने-कोने से आने वाले संत, ऋषि-मुनि और श्रद्धालु जब गंगा स्नान के लिए आते हैं और उसकी अवदशा को देखते हैं तो आहत होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम मिशन 'नमामि गंगे' की बदौलत आज गंगा धीरे-धीरे निर्मल हो रही है।
पिछली सरकारों के दौरान गंगा को लेकर जो टिप्पणी होती थी वह आज बंद हो गई है। वन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को संपन्न बनाने के लिए लोगों की सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को इसे सफल बनाने के लिए जुड़ना होगा और सतत प्रयास करते रहना होगा। योगी ने कहा कि प्रदेश के 22 करोड़ लोग यदि विशेष प्रयोजन पर भी 'एक व्यक्ति एक पेड़' लगाए तो प्रदेश एक तरफ जहां हराभरा होने के साथ प्रदूषण मुक्त भी होगा।
गंगा के दोनों किनारों पर औषधीय वृक्ष-पीपल, पाकड़, बरगद, नीम और आम के वृक्ष लगाने होंगे। गंगा के दोनों तरफ वृक्षारोपण इसकी अविरलता और निर्मलता बनाए रखने तथा इसे रेगिस्तान (सूखने) बनने से बचाने में अहम भूमिका का निर्वहन कर सकता है। उन्होंने कहा कि गंगा हरितिमा अभियान का मुख्य उद्देश्य गंगा के तटीय क्षेत्रों में वानस्पतिक आच्छादन बढ़ाने एवं मृदाक्षरण को रोकने के लिए पौधारोपण करना है।
गंगा की निर्मलता और अविरलता पर गुपचुप अभिनव प्रयास करने वाले 51 लोगों को सम्मानित किया। यह अभियान प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित 27 जिलों में एक साथ चलाया जा रहा है। उन्होंने गंगा हरितिमा अभियान के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए बताया कि गंगा नदी के किनारे एक किमी तक के क्षेत्र को सघन रूप से स्वच्छता एवं साफ-सफाई, नदी का कटान रोकने हेतु मृदा और जल संरक्षण के लिए होगा।
उन्होंने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा 2500 किलोमीटर क्षेत्रफल में बहती है, जिसमें से 1140 किलोमीटर का क्षेत्र केवल उत्तर प्रदेश का ही है। योगी ने कहा कि वन है, तो जल है, जल है तो जीवन है और जीवन है तो हम सब का जीवन है। गंगा के किनारे रहने वाले लाखों लोगों की आजीविका भी उसी से चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में आयोजित होने वाले दुनिया के सबसे बड़े जन समागम कुंभ को भव्य बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार सभी कोशिशें कर रही हैं।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उनके निर्देशन में विदेश, संस्कृति, रेलवे, पर्यटन, सूचना एवं प्रसारण, उड्डयन, गृह, रक्षा, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सफाई मंत्रालय कुंभ को भव्यता प्रदान करने में जुट गए हैं। ये मंत्रालय अलग-अलग अहम योजनाएं और कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। कुंभ से संबंधित 684 करोड़ रुपए की 151 परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि कुंभ 2019 विश्व के लिए अतुलनीय इवेंट होगा।
इसमें देश-विदेश से करोड़ों लोग शिरकत करेंगे। अतिथि देवो भव: को अपनाते हुए लोगों की सेवा करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। कुंभ से पहले प्रयाग को जल, थल और नभ मार्ग से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के छह लाख गांवों से कम से कम चार श्रद्धालु और 192 देशों के प्रतिनिधि कुंभ के साक्षी होंगे। हमारे लिए बेहद गौरव का विषय है कि हिंदू तीर्थयात्रियों के श्रद्धा के प्रतीक कुंभ मेले के यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया है।
यह धार्मिक महोत्सव सहिष्णुता और समावेशी प्रकृति को प्रदर्शित करता है, जिसमें जाति, पंथ या लिंग से इतर करोड़ों लोग शिरकत करते हैं। योगी ने संत, महात्मा, अखाड़ा सभी से अपील की है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने आश्रमों में जगह देकर अतिथि देवो भव: का सम्मान करें। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। माघ मेले की व्यवस्था कुंभ 2019 का रिहर्सल था। उसकी सकुशलता से काफी आत्मबल मिला है। (वार्ता)