क्यों आपका साथी आपको छोड़ गया और अकेले रह गये आप?

जीवन में हर कोई चाहता है कि उन्हें एक ऐसा साथी गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड व पति-पत्नी के रूप में मिल जाए जिससे वे अपने मन की हर बात बिना  हिचहिचाहट कह सकें, एक ऐसा साथी जो आपको पूरी तरह से समझता हो। लेकिन कई बार ऐसा क्यों होता है कि आपके जीवन में कोई आ भी जाए तो उससे आपका रिश्ता लंबे समय तक नहीं बने रह पाता? क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? यदि हां, तो जरा सोचिए कि जो बातें यहां  बताई जा रही है कहीं आप में भी तो यह आदतें नहीं है? जिस वजह से आपका साथी हर बार आपको छोड देता है!  
 
1. समय : कोई भी रिश्ता गहराने के लिए समय मांगता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ दोस्ती या रिश्ते कि शुरूआत में ही ज्यादा समय निवेश करके आप सोचे कि अब तो बात पक्की हो गई है और अब तो आपका रिश्ता जग जाहिर हो गया है, इसे नाम मिल गया है तो आप निश्चिंत होकर रह सकते हैं, अब यह रिश्ता पूरी जिदंगी बना रहेगा। यदि आप ऐसा सोचते हैं तो संभल जाएं। रिश्तों को ताउम्र बनाए रखने के लिए समय रूपी पानी से सिंचना होता है तब ही वे फलते-फुलते हैं।






2. समझौता : दो अलग-अलग लोगों की सोच सभी मसलों पर कभी भी एक समान नहीं हो सकती। क्या जब आपके साथी की सोच आपसे नहीं मिलती तो आप उन्हें गलत बता कर उन पर इल्जाम लगाना शुरू कर देते है? अगर ऐसा करते हैं तो यह रिश्ता लंबा नहीं चलेगा। अगर चल भी गया तो एक दूसरे के लिए सम्मान नहीं रह पाएगा। जब आपके साथी और आपके किसी मसले पर विचार अलग हों ऐसे में आपको उनके अलग विचार का भी सम्मान रखना चाहिए और अपनी राय उन पर नहीं थोपते हुए कोई ऐसा हल निकालना चाहिए कि आप दोनों का मन रह जाए और थोड़ा-थोड़ा समझौता दोनों कर लें। हर समय यदि आपका साथी ही समझौता करेगा तो ऐसे में कभी न कभी वो आपको छोड़ने में ही समझदारी समझेगा।


3. संवाद : नियमित अपनी रोजमर्रा की बातें अपने साथी से शेयर करना बेहद जरूरी है। जहां आपने संवाद कायम रखने में ढील दी वहीं रिश्ता भी ढीला होने लगता है। आपका साथी आपके जीवन का हिस्सा तभी बने रह सकता है जब उसे आपसे जुड़ी छोटी-बड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें पता हों। जब अपने सूख-दुख आप उसे बताकर अपना दिल हल्का  करते हो और उसके भी सुनने के लिए आप समय पर उपलब्ध रहते हों।




4. दखलअंदाजी : आज के दौर में जब कई बार लोग देर से शादी का निर्णय लेते हैं या देर से उनके जीवन में कोई साथी आता है तो ऐसे में ज्यादा संभावना है कि उन्हें अपने हिसाब से अकेले रहने की आदत हो चूकी होती है। और जब उनके जीवन में किसी साथी का प्रवेश होता है तो उन्हें खुशी तो बहुत होती है लेकिन उन्हें साथ रहना नहीं आ पाता। जीवन में साथी के होने का सीधा सा मतलब है कि लाइफ में कुछ हद तक एक दूसरे कि दखलअंदाजी तो होगी ही। हो भी क्यों न आखिर आपके तौर-तरीके, रहन-सहन, कहां आप ज्यादा खर्च कर देते हैं, किस तरह के लोगों व दोस्तों से आपका मिलना-झुलना रहता है इन सभी बातों का आपके साथी के जीवन पर भी सीधे तौर पर असर पड़ता है। लंबे समय तक रिश्ते में रहना है तो आपको खुशी से ये जायज दखलअंदाजी सहन करनी होगी। आखिर आप भी तो अपने साथी की ये सारी बाते पूछते होंगे?
 
5. इगो : हर रिश्ते में कभी कभी कुछ मतभेद होते हैं, फिर रूठना-मनाना होता है। क्या हर बार आपका साथी ही आपको मनाता है? यदि हां तो समझ जाइये कि यह काम लंबा चलने वाला नहीं है। रिश्ता बराबरी मांगता है। हर बार कोई एक साथी के मनाने का मतलब है कि आपको अपने साथी की फिक्र नहीं है न ही रिश्ते को बचाने की। आपकी ज़िद को आप अपने साथी से उपर रखते हैं। ऐसा है तो आपके इगो के चलते आप अकेले रह जाएंगे, संभल जाएं।
 
6. पूरानी यादें : यदि नया रिश्ता बनाने के बाद भी आप अपने किसी पूराने की याद में खोए रहते हैं, व उनसे किसी भी प्रकार से संपर्क में रहते हैं और उनके जैसी कोई बात अपने नए साथी में खोजते हैं तो संभल जाएं। हर एक व्यक्ति अलग होता है और उसे किसी और से तुलना किया जाना पसंद नहीं होता है। खासकर आपका साथी। कुछ बातें आपके नए साथी में अच्छी होगी कुछ बुरी लेकिन दोनों को खुले दिल से अपनाएंगे  तो रिश्ता लंबा चलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
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