13 फरवरी से फाल्गुन मास का प्रारंभ हो गया है जो 14 मार्च को समाप्त होगा। फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि और होली ये दो सबसे बड़े त्योहार पड़ते हैं जो कि बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। इस महीने से धीरे-धीरे गर्मी के दिन शुरू होने लगते हैं तथा ठंड कम होने लगती है। मौसम परिवर्तन के इस माह में हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह जानना जरूरी है। ALSO READ: Falgun month: फाल्गुन मास के व्रत त्योहारों की लिस्ट
फाल्गुन मास में क्या करें:-
1. चंद्रमा को अघ्य दें: चंद्रमा का जन्म फाल्गुन में मास में होने के कारण इस महीने चंद्रमा की उपासना करने का विशेष महत्व है। चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
2. कामदेव और शिव: यह माह कामदेव और शिवजी कथा से जुड़ा माह भी है। कामदेव ने जब शिवजी की तपस्या भंग की थी तो शिवजी ने कामदेव को भस्म कर दिया था। बाद में जब उन्हें तपस्या भंग करने के कारण का पता चला तो उन्होंने रति को सांत्वना देते हुए कामदेव को प्रद्युम्न के लिए में जन्म लेने का वरदान दिया। दोनों की पूजा का महत्व है।
3. शिवलिंग पूजा: इसी माह में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह में शिव की पूजा विशेष रूप से करें। इस महीने में नियमित भगवान शिव को जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही मंत्र जपने चाहिए। इस महीने भगवान श्रीकृष्ण और महादेव को गुलाल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन खुशहाल होता है।
4. श्रीकृष्ण पूजा: फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की आराधना का भी विशेष महत्व है। उनके सभी रूपों की पूजा की जाती है। खासकर किशोर रूप जो सखियों के संग फाग उत्सव मनाते हैं। बाल कृष्ण रूप की पूजा संतान पाने के लिए, युवा स्वरूप का पूजन दांपत्य जीवन मधुर बनाने हेतु और गुरुरूप का पूजन मोक्ष और वैराग्य पाने के लिए ही फाल्गुन के महीने में कृष्ण जी का पूजन अवश्य ही सभी को करना चाहिए। इस माह में श्रीकृष्ण और श्रीराधा की पूजा की होती है क्योंकि इसी माह में ही फाग उत्सव मनाया जाता है। फाल्गुन मास को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।
5. नृसिंह पूजा: इस माह में श्रीहरि विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर भक्त प्रहलाद की हिरण्यकश्यप से रक्षा की थी। इस माह में आठ दिन का होलाष्टक का समय रहता जबकि सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य बंद रहते हैं क्योंकि इन आठ दिनों में भक्त प्रहलाद ने बहुत कष्ट सहे थे। इन दिनों में सभी ग्रह उग्र रहते हैं। ALSO READ: फाल्गुन माह पर निबंध हिंदी में
6. दान पुण्य: इस माह में दान पुण्य का विशेष महत्व होता है। जरूरतमंदों को यथाशक्ति के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
7. पितृ तर्पण का माह: इसके साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस महाने में धार्मिक गतिविधियां जैसे पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ आदि अधिक करना चाहिए।