हरिद्वार को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। हरिद्वार का प्राचीन पौराणिक नाम 'माया' या 'मायापुरी' है, जिसकी सप्त मोक्षदायिनी पुरियों में गणना की जाती थी। यह नगर भारतवर्ष के सात पवित्र नगरों अर्थात सप्तपुरियों में से एक है। विश्व के प्राचीन नगरों में इसका नाम भी लिया जाता है।
क्यों करते हैं यहां पर गंगा स्नान : कुंभ मेले का आयोजन जब होता है तो सभी यही पर गंगा स्नान करते हैं, क्योंकि सर्वप्रथम यहीं पर समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश के अमृत की बूंदे गिरी थीं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि कुंभ स्थल के पवित्र जल में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप-कष्ट धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कहां ठहरे:- यहां उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के लिए आवास गृह बनाए हैं। पर्यटक अपने बजट के हिसाब से ठहरने के स्थान का चयन कर सकते हैं। धर्मशाला, बाबा कमली मंदिर समिति के आवास स्थान भी उपलब्ध है। यह एक विशिष्ठ धार्मिक स्थल होने के कारण यहां शाकाहारी भोजन ही मिलता है।