राम की जन्मभूमि अयोध्या के 10 प्रमुख दर्शनीय स्थल

अनिरुद्ध जोशी

बुधवार, 29 जुलाई 2020 (15:24 IST)
सप्तपुरियों में से एक अयोध्या हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख समुदाय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक और तीर्थ स्थल है। यहां पर भारतीय धर्म के कई स्मारक, मंदिर और पवित्र स्थल मौजूद हैं। आओ जानते हैं इस बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
1. अयोध्या के घाट : अयोध्या घाटों और मंदिरों की प्रसिद्ध नगरी है। सरयू नदी यहां से होकर बहती है। सरयू नदी के किनारे 14 प्रमुख घाट हैं। इनमें गुप्त द्वार घाट, कैकेयी घाट, कौशल्या घाट, पापमोचन घाट, लक्ष्मण घाट आदि विशेष उल्लेखनीय हैं।
 
2. राम जन्मभूमि : अयोध्या में मुख्‍य रूप से राम जन्मभूमि के दर्शन किए जाते हैं, जहां रामलला विराजमान हैं।
 
3. हनुमान मंदिर : अयोध्या के बीचोंबीच हनुमान गढ़ी में रामभक्त हनुमानजी का विशाल मंदिर है। 
 
4. दंतधाव कुंड : हनुमानी गढ़ी क्षेत्र में ही दन्तधावन कुंड है जहां श्रीराम अपने दांतों की सफाई करते थे। इसे ही राम दतौन भी कहते हैं.
 
5. कनक भवन मंदिर : अयोध्या का कनक भवन मंदिर भी देखने लायक है जहां राम और जानकी की सुंदर मुर्तियां रखी हैं।
 
6. राजा दशरथ का महल : यहां राजा दशरथ का महल भी बहुत ही प्राचीन और विशाल है।
 
7. भगवान ऋषभदेव का जन्म स्थल : अयोध्या में एक दिगंबर जैन मंदिर है जहां ऋषभदेवजी का जन्म हुआ था। अयोध्या में आदिनाथ के अलावा अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ और अनंतनाथ का भी जन्म हुआ था। यहां पर उनके जन्म स्थल पर भी मंदिर बने हैं। 
 
8.बौद्ध स्थल : अयोध्या के मणि पर्वत पर बौद्ध स्तूपों के अवशेष हैं। ऐसा कहते हैं कि भगवान बुद्ध की प्रमुख उपासिका विशाखा ने बुद्ध के सानिध्य में अयोध्या में धम्म की दीक्षा ली थी। इसी के स्मृतिस्वरूप में विशाखा ने अयोध्या में मणि पर्वत के समीप बौद्ध विहार की स्थापना करवाई थी। यह भी कहते हैं कि बुद्ध के माहापरिनिर्वाण के बाद इसी विहार में बुद्ध के दांत रखे गए थे। दरअसल, यहां पर सातवीं शाताब्दी में चीनी यात्री हेनत्सांग आया था। उसके अनुसार यहां 20 बौद्ध मंदिर थे तथा 3000 भिक्षु रहते थे और यहां हिंदुओं का एक प्रमुख और भव्य मंदिर था।
 
9. नंदीग्राम : अयोध्या से 16 मील दूर नंदिग्राम हैं जहां रहकर भरत ने राज किया था। यहां पर भरतकुंड सरोवर और भरतजी का मंदिर है।
 
10. श्री ब्रह्मकुंड : अयोध्या में मौजूद गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब (Sri Brahmakund) के दर्शन करने के लिए देश और दुनिया के कोने-कोने से सिख श्रद्धालु आते हैं। कहते हैं कि सिख समुदाय के पहले गुरु नानकदेव, 9वें गुरु तेग बहादुर और 10वें गुरु गोविंद सिंह (guru gobind singh) ने यहां गुरद्वारा ब्रह्मकुंड में ध्यान किया था। पौराणिक कथा के मुताबिक इसी जगह के पास भगवान ब्रह्मा ने 5,000 वर्ष तक तपस्या की थी। गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में मौजूद एक ओर जहां गुरु गोविंद सिंह जी के अयोध्या आने की कहानियों से जुड़ी तस्वीरें हैं तो दूसरी ओर उनकी निहंग सेना के वे हथियार भी मौजूद हैं जिनके बल पर उन्होंने मुगलों की सेना से राम जन्मभूमि की रक्षार्थ युद्ध किया था।
 
11. अन्य तीर्थ स्थल : इसके अलावा सीता की रसोई, चक्र हरजी विष्‍णु मंदिर, त्रेता के ठाकुर, राम की पौढ़ी, जनौरा, गुप्तारघाट, सूर्यकुंड, सोनखर, सरयू पार छपैया गांव, सरयू तट पर दशरथ तीर्थ, नागेश्वर मंदिर, दर्शनेश्वर मंदिर, मोती महल-फैजाबाद, गुलाब बाड़ी-फैजाबाद और तुलसी चौरा आदि स्थान भी देखने लायक हैं।

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