Story of King Mahabali : इस बार 29 अगस्त 2023 को दक्षिण भारत का खास पर्व ओणम पर्व मनाया जा रहा है। यह त्योहार राजा बलि के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर केरल के पारंपरिक लोकनृत्य शेर नृत्य, कुचिपुड़ी, गजनृत्य आदि के साथ यह दिन बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। आइए यहां जानते हैं कि ओणम त्योहार की खास कथा...
ओणम पर्व से संबंधित पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार प्राचीन काल में बलि नामक दैत्य राजा हुआ करते थे। वह अपनी प्रजा के लिए किसी देवता से कम नहीं थे। अन्य असुरों की तरह राजा बलि ने भी अपने तपोबल से कई दिव्य शक्तियां हासिल की और वह देवताओं के लिए मुसीबत बन गया था। उनकी अच्छाइयों के कारण जनता उनके गुणगान करती थी।
वामन भगवान ने दो पग में धरती और आकाश नाप लिया। तीसरा पग रखने के लिए उनके पास जगह ही नहीं बची। तब राजा बलि ने अपना सिर झुका दिया और वामन अवतार में श्री विष्णु ने उनके सिर पर अपना पैर रखकर राजा को पाताल भेज दिया। लेकिन उसके पहले राजा बलि ने साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने आने की आज्ञा मांग ली। अत: सदियों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, इसी खुशी में मलयाली समाज ओणम पर्व मनाता है।