इन व्यंजनों के नाम भी काफी दिलचस्प होते हैं इसमें सांबर, उपेरी, शर्करा वरही, नारंगा करी, मांगा करी, और रसम जैसे नाम शामिल हैं। इसमें से कुछ व्यंजन गुड़ के साथ बनाएं जाते हैं तो कुछ सब्जियों के साथ मिलाकर बनाते हैं।
इस चटनी के बिना साध्या थाली है अधूरी
ओणम साध्या थाली में एक विशेष प्रकार की चटनी बनाई जाती है और इस चटनी के बिना यह थाली अधूरी है। यह चटनी अदरक और गुड़ से बनाई जाती है जिसे 'इंजी करी' कहते हैं। साथ ही चावल, ओलन, कालन, सूरन करी, परिप्पु करी, पच्चड़ी, पुलुस्सरी, एलिस्सरी, खट्टा रायता भी इस थाली की शान होते हैं।
गुड़ की खीर है स्पेशल
साध्या थाली में नमकीन के साथ मीठे व्यंजन भी होते हैं। ओणम में गुड़ की खीर बहुत स्पेशल होती है जिसे पायसम कहते हैं। इसके साथ ही चावल और सेवई की खीर भी इस पर्व पर बनाई जाती है, लेकिन इनमें भी चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह साद्या थाली तैयार की जाती है।
साध्या थाली को जमीन पर बैठकर खाते हैं
आपने कई बार टीवी पर देखा होगा कि दक्षिण भारत में लोग केले के पत्ते में भोजन लेकर ज़मीन पर बैठकर खाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस शाकाहारी साध्या भोजन को जमीन पर पालथी मारकर खाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार पालथी मारकर बैठकर भोजन करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है और साथ ही खाया हुआ भोजन आसानी से पचता है।