भारतीय महिला भारोत्तोलक मीराबाई ने किया निराश...

रविवार, 7 अगस्त 2016 (18:32 IST)
रियो डि जेनेरियो। भारतीय महिला भारोत्तोलक साईखोम मीराबाई चानू ने रियो ओलंपिक खेलों की 48 किग्रा भारोत्तोलन स्पर्धा में खासा निराशाजनक प्रदर्शन किया और वे अपने तीनों ही प्रयासों में विफल रहीं।
21 वर्षीय मीराबाई से महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन्होंने बहुत ही निराश किया और वे क्लीन एंड जर्क वर्ग के अपने तीनों ही प्रयासों में एक भी बार भार नहीं उठा सकीं जबकि स्नैच में वे मात्र एक बार ही भार उठा सकीं।
 
भारोत्तोलन वर्ग में केवल 12 खिलाड़ी मैदान में थीं लेकिन उन सभी में मीराबाई सहित मात्र 2 ही भारोत्तोलक ऐसी थीं, जो एक भी बार भार नहीं उठा सकीं और उन्हें (डीएनएफ) यानी स्पर्धा पूरी नहीं करने वाली खिलाड़ियों की श्रेणी में रखा गया। 
 
21 वर्षीय थाईलैंड की सोपिता तानासन ने इंडोनेशिया की श्री वाहयुनी अगुस्तियानी को 8 किग्रा भार वर्ग से पराजित कर इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। तीसरे स्थान पर जापान की हिरोमी मियाके रहीं। वे 2012 लंदन ओलंपिक की रजत पदक विजेता रह चुकी हैं। 
 
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ के जून माह में कजाखिस्तान और बेलारूस को 2008 और 2012 के ओलंपिक खेलों में पॉजीटिव डोपिंग नमूनों के कारण रियो से बैन करने, रूस के डोपिंग आरोपों के कारण निलंबन और चीन की कड़ी चयन नीतियों से इस स्पर्धा में चुनौती काफी कम थी लेकिन उसके बावजूद मीराबाई का प्रदर्शन शर्मसार करने वाला रहा।
 
भारतीय भारोत्तोलक ने क्लीन एंड जर्क में अपने पहले प्रयास में 104 किग्रा वजन उठाया। इसके बाद उन्हें अगले 2 और प्रयासों में 106 किग्रा वजन उठाना था, लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में तो वे भार उठा ही नहीं सकीं। दिलचस्प है कि उनका क्लीन एंड जर्क में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 107 किग्रा भार है।
 
मीराबाई स्नैच में 3 और क्लीन एंड जर्क के 3 सहित कुल 6 प्रयासों में मात्र 1 बार ही वजन उठाने में कामयाब रहीं। उन्होंने स्नैच में अपने 3 मौकों में केवल दूसरे प्रयास में ही सही भार उठाया। अपने पहले प्रयास में 82 किग्रा भार उठाने में वे असमर्थ रही थीं। तीसरे प्रयास में भी वे 84 किग्रा भार नहीं उठा सकीं। वे स्नैच में 12 खिलाड़ियों में 6ठे स्थान पर रहीं। (वार्ता) 

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