उन्होंने कहा कि जब निर्दोष लोगों की जान दाव पर लगी हो तो केवल कूटनीति ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। तिरुमूर्ति ने बैठक के दौरान कहा, 'परिषद द्वारा पिछली बार इस मुद्दे पर चर्चा के बाद से यूक्रेन के हालात में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है। सुरक्षा परिस्थितियों के साथ ही मानवीय हालात और बिगड़े हैं।'