यूक्रेन पर रूस के हमले ने गुजराती समेत भारतीय छात्रों के लिए संकटपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। यहां छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए अलग-अलग शहरों में गए हैं। युद्ध की स्थिति में छात्रों को उनके विश्वविद्यालयों द्वारा सुरक्षित स्थान पर आश्रय दिया जाता है। कुछ जगहों पर छात्रों को मेट्रो स्टेशन पर रात बितानी पड़ती है।
इन छात्रों में अहमदाबाद, सूरत, भरूच, अंकलेश्वर, कलोल आदि के छात्र भी शामिल हैं। सोशल मीडिया के जरिए अपने परिवार से संवाद कर रहे छात्र भी अपने अनुभव शेयर कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर सहायता मांग रहे हैं। छात्रों से पता चला कि विश्वविद्यालय की ओर से अलर्ट होने पर वे कमरे से निकल गए और कैंपस के बेसमेंट में आ गए।
बैग में एक जोड़ी कपड़े, जरूरी स्नैक्स, पावर बैंक ले गए जबकि बाकी सामान को उसी कमरे में छोड़ दिया। अभी सबसे बड़ी समस्या बिजली की है क्योंकि उनके माता-पिता रो रहे हैं। इसलिए उन्हें माता-पिता को हर घंटे फोन करके सुरक्षित होने की सांत्वना देने के लिए बैटरी बचानी होगी। इसके लिए वे कॉल करके फ्लाइट मोड में डाल देते हैं। बिजली बार-बार जाती रहती है।
बम धमाकों और सायरन की आवाज उन्हें डरा रही है। छात्रों ने बताया कि 10 लोगों के जत्थे में उन्हें लंच के लिए ले जाया जाता है। बेसमेंट पूरा भरा हुआ है। सोने के लिए गद्दे है पर कोई सो नहीं रहा है। निकटतम शौचालय का उपयोग सभी को करना चाहिए ताकि कोई खतरा न हो। कितनों के पासपोर्ट अस्थायी निवासी कार्ड (TRC) के लिए एम्बेसी में जमा है। ऐसे में हर कोई इस बात को लेकर परेशान है कि उन्हें पासपोर्ट कब मिलेगा। सभी को इस बात की चिंता सता रही है कि वे घर कब लौट पाएंगे। वर्तमान में विश्वविद्यालय के कर्मचारी उनकी मदद कर रहे हैं लेकिन सभी डरे हुए हैं और युद्ध के अंत के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं।