यूक्रेन संकट में क्यों याद आ रहे हैं सुषमा स्वराज और जनरल वीके सिंह?

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022 (15:12 IST)
नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीयों को मोदी सरकार से मदद की आस है। भारत सरकार भी लोगों को वापस लाने में जी जान से जुटी हुई है। हंगरी, पोलैंड, स्लोवेक रिपब्लिक और रोमानिया के रास्ते भारतीयों को यूक्रेन से निकाला जा रहा है। बहरहाल संकट की घड़ी में लोगों को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की याद आ रही है।
 
सुषमा स्वराज जब भारत की विदेश मंत्री थीं तो वे प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए हरदम तैयार रहती थीं। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर वे सभी के लिए आसानी से उपलब्ध थी और एक ट्वीट पर उन्होंने कई लोगों को मुश्किल समय में मदद की। सुषमा जी और जनरल वीके सिंह की ट्यूनिंग कमाल की थी और दोनों ने मिलकर प्रवासी भारतीयों के लिए काफी का‍म किया।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संसद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा था उन्होंने और उनके मंत्रालय ने सुशासन देने के लिए तथा दुनिया के किसी भी कोने में परेशानी में फंसे भारतीयों की मदद के लिए सोशल मीडिया के प्रभावी इस्तेमाल की मिसाल कायम की है। 
 
जून 2018 की बात है, कौटिल्य बंसल नाम के एक व्यक्ति ने सुषमा से ट्विटर पर एक शिशु समेत 20 भारतीयों की मदद का अनुरोध किया। वे अपना ग्रुप वीजा खो जाने की वजह से वहां फंस गए थे। सुषमा ने इसके जवाब में बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास को टैग करते हुए कहा कि कृपया इसे जल्दी देखें। समूह में एक शिशु भी है।
 
इसी तरह मार्च 2018 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि इराक में वर्ष 2015 में आईएसआईएस द्वारा अपहृत सभी 39 भारतीय मारे गए। उन्होंने कहा कि पहाड़ को खोदकर शवों को ‍निकाला गया। इस मामले में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने इराक में भारतीय राजदूत और इराक सरकार के एक अधिकारी के साथ बदूश शहर जा कर जब अपहृत भारतीयों की खोज की थी। 
 
जुलाई 2017 में समुद्री तूफान इरमा प्रभावित कैरेबियाई द्वीपीय देश सिंट मार्टिन से कम से कम 170 भारतीयों को सुरक्षित निकालकर भारत सरकार की ओर से मुहैया कराए गए विशेष विमानों के जरिए कैरेबियाई द्वीप क्यूराकाओ पहुंचाया गया। अरब देशों में फंसे कामगारों को वापस लाने की दिशा में भी उन्होंने काफी काम किया था। 
 
इसी तरह जुलाई 2016 की बात है, नौकरी गंवाने के बाद करीब 800 भारतीय कामगार सउदी अरब के जेद्दा शहर में पिछले तीन दिनों से भूख से तड़प रहे थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन लोगों की मदद के लिए आगे आई। सुषमा ने भारतीय दूतावास से उनके भोजन की व्यवस्था करने को कहा और फिर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सउदी अरब भेजा। उन्होंने सऊदी अरब में बेरोजगार हुए दस हजार भारतीय श्रमिकों को स्वदेश वापस लाने का प्लान बनाया। 
 
इसी माह विश्व स्कूल खेल प्रतियोगिता में भाग लेने तुर्की गए 148 भारतीय बच्चों और 38 अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। सैन्य तख्तापलट के प्रयास के बाद हुई हिंसा में तब वहां 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। सूडान में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए भी उन्होंने वायुसेना की मदद से ऑपरेशन संकटमोचन चलाया। 

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