Ukraine-Russia War - युद्ध में ध्वस्त हुआ दुनिया का सबसे बड़ा विमान Antonov Mriya, जानें इस विमान की खासियत

Webdunia
सोमवार, 28 फ़रवरी 2022 (16:23 IST)
यूक्रेन और रूस के बीच पांचवें दिन भी युद्ध जारी है। लाखों लोग अपने आशियाने छोड़कर अपनी जान बचा रहे हैं। कीव और खारकीव शहर पर रूसी सेना ने हमला कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने दावा किया है कि अब तक जंग यूक्रेन जंग में 102 नागरिक मारे गए है, जिसमें 7 बच्चे भी शामिल है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति का दावा है कि जंग में यूक्रेनी सेना ने 4500 रूसी सैनिकों को मार गिराया है। लगातार जारी युद्ध में रूस ने यूक्रेन में दुनिया का सबसे बड़ा प्‍लान ध्वस्त कर दिया है। आइए जानते हैं यूक्रेन के इस सबसे प्‍लेन के बारे में -

- यूक्रेन की राजधानी कीव के पास मौजूद एक एयरफील्ड में खड़े दुनिया के सबसे बड़े विमान को ध्वस्त कर दिया गया है। इस बात की पुष्टि यूक्रेन सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर की गई है। सोशल मीडिया पर इस प्लेन की कई सारी तस्वीरें वायरल हो रही है।   

- यूक्रेन की सरकारी डिफेंस कंपनी यूक्रोबेरोनाप्रोम ने कहा कि एंतोनोव एएन-225 म्रिया विमान ग्राउंड पर है। अब इसे गोस्‍तोमेल एयरपोर्ट पर ठीक किया जा रहा है। इस विमान को ठीक करके फिर से उड़ाने का प्रयास है। इस विमान का नाम म्रिया है जिसका मतलब होता है सपना।  

-एतोनोव एएन-225 म्रिया (Antonov AN-225 Mriya) के नाम कई सारे रिकॉर्ड हैं। सबसे बड़े विंगस्पैन, सबसे बड़े एयरक्राफ्ट, सबसे ज्यादा कार्गो टन उठाने का रिकॉर्ड है।  
 
- इस विमान को उड़ाने के लिए 6 क्रू की जरूरत पड़ती है।

- यह विमान 2.53 लाख किलोग्राम वजन उठा सकता है।  

- म्रिया विमान की लंबाई  275.7 फीट और ऊंचाई 59.5 फीट है। इस विमान का वजन 2.85 लाख किलोग्राम का है। इसमें एक बार में 3 किलोग्राम ईंधन भरा जा सकता है।  

 
- म्रिया 36 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

- म्रिया को मुख्य रूप से एनर्जिया रॉकेट बूस्टर को उठाने के अनुसार तैयार किया गया था। म्रिया का डिजाइन विक्‍तर तोलमाचेव ने किया था।

11 सितंबर 2001 को इस विमान में 4 युद्धक टैंकों को 1000 किमी दूर 763.2 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पहुंचाया गया था। विमान में भेजे गए उन युद्ध टैंकों का वजन 253.82 था।

- 11 जून 2010 में दुनिया का सबसे लंबा एयर कार्गो उठाया था वह 138 फीट लंबा विंड टरबाइन ब्लेड था।  उसे चीन  के जियानजिन से डेनमार्क पहुंचाया गया था। हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में प्लेन ध्वस्त हो गया। फिलहाल इसकी मरम्मत की जा रही है।  

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