मुंबई। स्थानीय शेयर बाजार में सोमवार को गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 360 अंक नुकसान में रहा। बैंक क्षेत्र में संकट को लेकर चिंता के साथ वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच वित्तीय, सूचना प्रौद्योगिकी और पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। लेकिन कारोबार के अंतिम घंटे की लिवाली से नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हुई।
30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 360.95 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,628.95 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 23 शेयर नुकसान में रहे। कारोबार के दौरान मानक सूचकांक 900 अंक से अधिक टूटकर 57,084.91 के निचले स्तर पर आ गया था। लेकिन कारोबार के अंतिम घंटे की लिवाली से नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हुई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 111.65 अंक यानी 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,000 अंक के नीचे 16,988.40 अंक पर बंद हुआ। इसमें शामिल 50 शेयरों में से 40 नुकसान में जबकि 10 लाभ में रहे। विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक अमेरिका में बैंक संकट को लेकर चिंतित हैं, हालांकि फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों ने बैंक संकट को टालने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वित्तीय संकट का असर व्यापक होने की आशंका में निवेशक शेयर बाजार से दूरी बनाए हुए हैं। वास्तव में वैश्विक बाजारों के समक्ष कई बाधाएं हैं। स्विट्जरलैंड के नियामक की ओर से वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कदम उठाने के बावजूद निवेशकों की धारणा कमजोर बनी हुई है।
सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फिनसर्व में सबसे ज्यादा 4.08 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, विप्रो, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर सबसे ज्यादा 2.45 प्रतिशत के लाभ में रहा। इसके अलावा आईटीसी, कोटक बैंक, सन फार्मा और नेस्ले इंडिया भी लाभ में रहे।
नायर ने कहा कि बाजार अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहा है। यह देखना है कि मौजूदा संकट को लेकर उनकी खासकर नीतिगत दर को लेकर प्रतिक्रिया क्या रहती है। निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर को यथावत रख सकता है या उसमें चौथाई प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 1,766.53 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,817.14 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर खरीदे।(भाषा)