18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। शिवरात्रि, महाशिवरात्रि, सावन माह और सोमवार आदि विशेष दिनों में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने का खासा महत्व होता है। इस अभिषेक से सभी तरह के दु:ख और कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इससे बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान हो जाता है। आओ जानते हैं रुद्र अभिषेक करने की सरल विधि।
रुद्राभिषेक का महत्व- Rudrabhishek ka mahatva :-
- रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।
- रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक आपके अभीष्ट सिद्धि के लिए फलदायक है।
रुद्राभिषेक पूजा की सरल विधि- Rudrabhishek puja vidhi :-
पूजा सामग्री- भांग, धतूरा, बेलपत्र, दूध, दही, घृत, शहद, चीनी, अनार, ऋतुफल, भस्म, चंदन, सफेद फूल, जल का पात्र, गंगा जल, शिव भोग, प्रसाद आदि।
- गन्ने का रस, शहद, दही, दूध यानी पंचामृत समेत जितने भी तरल पदार्थ हैं, उनसे शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
- इसके बाद शिवजी को चंदन और भस्म का लेप लगाते हैं।
- इसके बाद उन्हें पान का पत्ता, बेलपत्र सहित सभी बची हुई पूजा सामग्री अर्पित करते हैं।
- इसके बाद उन्हें उनकी पसंद का भोग लगाते हैं।
- इसके बाद 108 बार शिव मंत्र का जाप करने के बाद उनकी आरती उतारते हैं।