फिर गुरुदेव कहते हैं कि श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का ये पुत्र महावीर होगा, परमप्रतापी होगा और यह असुरों का काल होगा। यह पुत्र धर्म की रक्षा करेगा और यादवों के कुल का नाम रोशन करेगा। आपका ये पुत्र दूसरों के मन को मोह लेगा। इसे जो भी देखेगा उसका मन प्रफुल्लित हो उठेगा। इसलिए इसका नामकरण हम करते हैं- प्रद्युम्न। रुक्मिणी, सत्यभामा, जामवंती, सुभद्रा, अर्जुन, बलराम सभी के मुंह से निकलता है- प्रद्युम्न।