फिर श्रीकृष्ण के अब तक के जीवन के सभी प्रसंग, घटना और चरित्र को बताया जाता है। बचपन में सुदाम से मित्रता और बड़े होकर उनसे मिलन। कंस वध, शिशुपाल वध, जन्म से पूर्व अपने चतुर्भुज का दर्शन देना। देवकी का वसुदेव से विवाह, कंस ने सुनी आकावशवाणी, कंस द्वारा देवकी के छह पुत्रों की हत्या, उग्रसेन को बंदी बनाकर काल कोठरी में डालना, कंस का अपनी प्रजा पर अत्याचार, श्रीविष्णु का देवकी के गर्भ में प्रवेश, श्रीकृष्ण को वसुदेव द्वारा गोकुल में यशोदा के यहां छोड़कर आना, यशोदा की पुत्री को कारागार में लेकर आना, उस पुत्री का दुर्गा का रूप धारण करके कंस को चेतावनी देना।