यह सुनकर शिशुपाल तलवार निकाल लेता है और चीखकर कहता है- नहीं ये हमारा अपमान है। उसे देखकर जरासंध, दुर्योधन आदि भी तलवार निकाल लेते हैं। शिशुपाल कहता है- इस ब्राह्मण ने हमारा अपमान किया है, हमारा तिरस्कार किया है, ये मक्कार है..इसे मारो। यह सुनकर वहां उपस्थित सभी ब्राह्मण और ऋषि अर्जुन के पसा खड़े हो जाता है। द्रुपद कहता है आप सभी लोग शांत हो जाइये, शांत हो जाइये।