नई दिल्ली। दबंग दिल्ली टेटे ने शुक्रवार रात को त्यागराज स्टेडियम में खेले गए बेहद रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में यू-मुम्बा को 8-7 से मात देते हुए अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटेटे) के तीसरे सीजन के फाइनल में जगह बना ली है।
टूर्नामेंट में सेमीफाइनल में नियम थोड़े अलग हैं। यहां जो टीम पहले 8 अंक लेगी, वह मुकाबला अपने नाम करेगी। दिल्ली ने शुरुआत से अपना दबदबा बनाए रखा, मगर अंतिम मैच में वह हार के करीब पहुंच ही गई थी लेकिन क्रित्विका सिन्हा रॉय ने महिला एकल वर्ग के आखिरी मैच का आखिरी गेम जीत दिल्ली को फाइनल में पहुंचा दिया। आखिरी मैच की शुरुआत से पहले दिल्ली 7-5 से आगे थी। दिल्ली को फाइनल में जाने के लिए सिर्फ 1 गेम जीतना था लेकिन मुम्बा को फाइनल में जाने के लिए तीनों गेम जीतने थे।
मुम्बा की सुतिर्था मुखर्जी ने पहले 2 गेम जीत स्कोर 7-7 से बराबर कर दिया लेकिन रॉय ने आखिरी गेम में जीत हासिल कर दिल्ली को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया। इससे पहले दिन का पहला मैच महिला एकल वर्ग में था, जहां दिल्ली की बेर्नाडेटे इस्जोक्स का सामना यू-मुम्बा की डू होई केम से था। इस्जोक्स ने यह मैच 2-1 से अपने नाम कर लिया। रोमानिया की इस्जोक्स 11-5, 11-8 से शुरुआती 2 गेम अपने नाम करने में सफल रहीं जबकि तीसरा गेम हांगकांग की केम ने 11-10 से जीता।
दूसरा मैच पुरुष युगल वर्ग का था, जहां दिल्ली के जी. सत्यन का सामना मुम्बा के किरिल गेराससिमेंको से था। सत्यन ने यह मैच पहला गेम हारने के बाद लगातार 2 गेम जीत 2-1 से दिल्ली की झोली में डाल उसे 4-2 से आगे कर दिया। किरिल ने पहला गेम 11-6 से जीता, लेकिन अगले 2 गेमों में वे हार गए। सत्यन ने अगले 2 गेम 11-7, 11-8 से जीत किरिल को हार सौंपी। तीसरा मैच मिश्रित युगल का था, जहां सत्यन और इस्जोक्स के सामने मुम्बा के मानव ठक्कर और केम की जोड़ी थी।
दिल्ली ने यहां भी बाजी मारी और 2-1 से मैच अपने नाम कर अपनी टीम को 6-3 से आगे कर दिया। इस मुकाबले में भी दिल्ली पहला गेम 9-11 से हार गई थी, लेकिन सत्यन और इस्जोक्स ने अगले 2 गेम 11-9, 11-8 से जीत दिल्ली के खाते में तीसरी जीत डाली। दिल्ली को फाइनल में पहुंचने के लिए 2 अंकों की दरकार और थी। उम्मीद थी कि पुरुष एकल वर्ग के अगले मैच में जॉन पेरसन मुम्बा के मानव ठक्कर पर जीत हासिल कर अपनी टीम का फाइनल का टिकट कटा देंगे लेकिन हुआ इसके उलट।
ठक्कर ने 2-1 से मैच अपने नाम किया। 11-10, 11-9 से पहले 2 गेम ठक्कर ने जीते तो आखिरी गेम जॉन ने 11-10 से अपने नाम किया। इस हार से हालांकि दिल्ली की जीत एक मैच के लिए टली थी, क्योंकि उसे फाइनल में जाने के लिए अब सिर्फ 1 अंक चाहिए था। दिल्ली 7-5 से आगे थी। आखिरी मैच में रॉय और सुतिर्था के बीच गजब का मुकाबला हुआ। सुतिर्था ने 2 गेम जीत दिल्ली की सांसें रोक दीं, हालांकि रॉय ने किसी तरह आखिरी गेम जीत दिल्ली को राहत पहुंचाई और सुतिर्था की मेहनत पर पानी फेर दिया।