17वें रैंक पर आ चुकी पीवी सिंधू अपने करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रही हैं। एक दशक की सबसे खराब रैंक के बाद उनको आशा थी कि नए कोच के आने के बाद दिन फिरेंगें लेकिन इसके बाद भी उनको कोरिया ओपन से खाली हाथ लौटना पड़ा। अगले साल पेरिस ओलंपिक भी है और ऐसे में वह भारत के पदक की एक उम्मीद की तरह हैं। उनका खराब फॉर्म भारत को अगले साल 1 मेडल कम दिलवा सकता है।
मौजूदा सत्र में है खाली हाथ
चोट के कारण पांच महीने के ब्रेक के बाद वापसी करते हुए सिंधू मौजूदा सत्र में एक भी खिताब नहीं जीत पाई हैं। इससे उनकी रैंकिंग पर भी असर पड़ा और वह 17वें स्थान पर खिसक गयी।सिंधू की एक दशक से अधिक समय में यह सबसे खराब रैंकिंग है। वह पिछली बार जनवरी 2013 में 17वीं रैंकिंग पर काबिज थीं। यह भारतीय खिलाड़ी 2016 से शीर्ष 10 में शामिल थी और अप्रैल 2016 में करियर की सर्वश्रेष्ठ दूसरी रैंकिंग हासिल करने में सफल रहीं।
पीवी सिंधू और किदाम्बी श्रीकांत की खराब फॉर्म जारी रही और दोनों कोरिया ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट के पहले दौर में ही बाहर हो गये।पांचवें वरीय प्रणय ने बेल्जियम के जूलियन कारागी पर 21-13 21-17 से जीत दर्ज की। एलीट शीर्ष 10 में एकमात्र भारतीय एकल खिलाड़ी प्रणय का सामना अब ली युन ग्यू और ली चेयूक यिऊ के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से होगा।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। वह पहले दौर में दुनिया की 22वें नंबर की खिलाड़ी चीनी ताइपे की पेई यू-पो के खिलाफ तीन गेम तक चले कड़े मुकाबले में 18-21 21-10 13-21 की हार के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।इस हफ्ते विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान पर खिसकने वाली सिंधू यह मुकाबला 58 मिनट में हार गयीं।