India at Paris Paralympics :भारतीय शॉटपुट एथलीट सचिन सर्जेराव खिलारी ने बुधवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए पेरिस पैरालंपिक की गोला फेंक स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड के साथ रजत पदक जीत लिया हैं। वहीं महिला वर्ग में अमीषा रावत महिला शॉट पुट एफ46 फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
आज यहां हुये मुकाबले में सचिन सर्जेराव खिलाड़ी ने शॉटपुट एफ46 में 16.32 मीटर थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया। इसी के साथ भारत की झोली में 21वां पदक आ गया है।
महाराष्ट्र के सांगली जिले के किसान परिवार में जन्म सचिन खिलारी स्कूल के दौरान साइकिल से गिरने के कारण उनके बाएं हाथ में विकलांगता आ गई थी। सचिन पैरा-एथलीट होने के साथ-साथ मैकेनिकल इंजीनियर भी हैं। वह महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की मदद भी करते हैं।
सचिन ने पैरा खेलों मे 2015 में शुरुआत की थी इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह दो बार के चैंपियन और एशियन पैरा गेम्स 2023 के स्वर्ण पदक विजेता हैं। इस वर्ष की शुरुआत में उन्होंने पैरा विश्व चैंपियनशिप में ग्रेग स्टुअर्ट को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
पेरिस 2024 में शानदार प्रदर्शन के बाद बातचीत में खिलारी ने कहा, “बड़े मंच पर सहज होने से भारतीय एथलीट को इस खेल में मदद मिली है।”उन्होंने कहा, “हम भारतीय योद्धा हैं। हम बड़े मंच पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए अच्छी तैयारी करते हैं। हम बड़े मंच पर सहज होते हैं, और यही हमें एक फायदा देता है।”उन्होंने कहा, “मेरा हेडबैंड मेरे योद्धा की वर्दी का हिस्सा है और क्योंकि मुझे पसीना आता है, इसलिए भी। मेरे कोच ने इसे पहनने का सुझाव दिया और यह काम कर गया। मेरे पास एक पदक है।”
सचिन ने कहा, “मुझे लगता है कि मैं और बेहतर कर सकता हूं। मैं एक और स्वर्ण पदक चाहता था (मई में विश्व खिताब जीतने के बाद)। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। आज मेरा दिन नहीं था। यह मेरा व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, जो कि अच्छा है। लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं। मुझे पता है कि मैं अगली बार और बेहतर कर सकता हूं।”
उन्होंने कहा, “ग्रेग बहुत अच्छे एथलीट हैं। उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। मुझे उन्हें हराने के लिए और मेहनत करनी होगी। आज मेरी तकनीक में कुछ गलतियां हो गईं, लेकिन अगली बार मैं उन्हें जरूर हरा दूंगा।”(एजेंसी)