हैम्बर्ग। युवा मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी (56 किलो) अप्रत्याशित जीत दर्ज करके मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए जबकि शिव थापा फूड पाइजनिंग और बुखार की चपेट में आने के कारण रिंग में उतरे बिना बाहर हो गए। साथ ही मनोज कुमार (69 किलो) भी टूर्नामेंट ये बाहर हो गए।
पांचवीं वरीयता प्राप्त शिव 60 किलोवर्ग में जार्जिया के ओतार इरानोसियान से खेलने वाले थे। पहले दौर में बाय मिलने के बाद उन्हें सीधे दूसरे दौर में उतरना था। फूड पाइजनिंग और बुखार होने के कारण उन्हें अपने विरोधी को वॉकओवर देना पड़ा।
भारतीय टीम के अधिकारी ने कहा, ‘कल पूरी रात उसे उल्टी हो रही थी और आज सुबह उसे तेज बुखार था। वह मुकाबला नहीं कर सकता, उसका शरीर साथ नहीं देगा। हम सब कुछ करने का प्रयास किया लेकिन वह काफी कमजोर था।’ दो बार का ओलंपियन असम का यह मुक्केबाज भारत की ओर से पदक के प्रबल दावेदारों में शामिल था और टूर्नामेंट से पहले अच्छी फार्म में था।
उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था जो इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में उनका लगातार तीसरा पदक था। इसके बाद उन्होंने चेक गणराज्य में आमंत्रण टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता।
मनोज कुमार (69 किलो) भी टूर्नामेंट ये बाहर हो गए। पूर्व राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता को चौथी वरीयता प्राप्त वेनेजुएला के गैब्रिएल माएस्ट्रे पेरेज ने स्पिलट नतीजे पर हराया। पेरेज ने 2013 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। वह पेन अमेरिकी खेलों में भी स्वर्ण पदक विजेता हैं।
गौरव ने हालांकि प्री क्वार्टर फाइनल में उक्रेन के माइकोला बुत्सेंको को हराकर भारतीय खेमे को खुशी का मौका दिया। दिल्ली के इस मुक्केबाज को टूर्नामेंट के लिये वाइल्ड कार्ड मिला था। उसने बुत्सेंको का बराबरी से मुकाबला किया और जजों का बंटा हुआ फैसला गौरव के पक्ष में रहा।
तीसरी वरीयता प्राप्त और 2011 विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता विकास कृष्णन (75 किलो ) दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गए। उन्हें इंग्लैंड के बेंजामिन विटेकर ने मात दी। एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता सुमीत सांगवान (91 किलो) भी बंटे हुए फैसले में ऑस्ट्रेलिया के जासन वेटले को मात दी। (भाषा)