नई दिल्ली। संग्राम सिंह और अमनप्रीत सिंह के शुक्रवार को यहां क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने से भारत के लिए आईएसएसएफ विश्व कप फाइनल का चौथा दिन अच्छा रहा।
डबल ट्रैप निशानेबाज संग्राम का आईएसएसएसएफ टूर्नामेंट में यह पहला सीनियर स्तर का पदक है, उन्होंने 2009 में जूनियर एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था जबकि विश्व कप के रजत पदक विजेता अमनप्रीत ने कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल में 202.2 अंक बनाकर कांस्य पदक हासिल किया।
दोनों निशानेबाज पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे थे। संग्राम ने 80 में से 76 निशाने लगाए, जिससे वे स्वर्ण पदक जीतने वाले हु बिनयुआन (79) से तीन अंक से पिछड़ गए। इटली के गासपारानी दावी (56) ने कांस्य पदक प्राप्त किया।
संग्राम ने कहा, मैं सचमुच काफी खुश हूं, क्योंकि पिछले तीन हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग का मुझे फायदा मिल गया। इन दोनों निशानेबाजों के पदकों तथा पहले दिन जीतू राय और हीना सिद्धू के दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में स्वर्ण पदक से यह भारत का साल के अंत में होने वाले इस टूर्नामेंट में अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जिसमें सिर्फ साल के शीर्ष निशानेबाज शिरकत करते हैं।
लेकिन स्टार निशानेबाज जीतू राय ने प्रतियोगिता के चौथे दिन निराश किया और सातवें स्थान पर रहे, वे 123.2 अंक ही बना पाए और सात निशानेबाजों के फाइनल में अंतिम स्थान पर रहे। इससे पहले दोनों ने बिना किसी परेशानी के क्वालीफिकेशन की बाधा पार की थी।
सर्बिया के दामिर मिकेच ने इस कम स्कोर वाले लेकिन रोमांचक फाइनल में 229.3 अंक बनाकर स्वर्ण जबकि उक्रेन के ओलेह ओमेलचक ने 228.0 अंक के साथ रजत पदक जीता। अमनप्रीत ने कांस्य पदक की दौड़ में तुर्की के यूसुफ डिकेच और सर्बिया के दिमित्री गिरगिच को पीछे छोड़ा। इसके अलावा ईरान के वाहिद गोलखानदान से भी उनका प्रदर्शन बेहतर रहा।
इस साल के शुरू में आईएसएसएफ विश्व कप के पहले चरण में अमनप्रीत ने इसी स्पर्धा में रजत पदक जीता था, तब जीतू राय स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे थे। अमनप्रीत ने कहा, यह सोचकर कि यह विश्व कप फाइनल है और इसमें सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज भाग ले रहे हैं, आप इसे मेरा निशानेबाजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कह सकते हैं। मैं खुश हूं लेकिन स्कोर के लिहाज से यह बहुत अच्छा नहीं है। मुझे सुधार करने की जरूरत है।
इस निशानेबाज ने हालांकि जरूरत के समय अच्छा स्कोर बनाया। भाग्य भी उनके साथ था। उन्होंने 22वें शाट में 8.1 अंक बनाए जो कांस्य पदक जीतने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए। कुल मिलाकर फाइनल में उन्होंने पांच बार दस या इससे अधिक का स्कोर बनाया।
भारत के विश्व नंबर एक डबल ट्रैप निशानेबाज अंकुर मित्तल ने 139 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर छह निशानेबाजों के फाइनल में क्वालीफाई किया था लेकिन वे चौथे स्थान पर रहे। वे 50 शाट में से 45 पर ही निशाना लगा सके।
संग्राम ने कहा, मैं इस नतीजे से काफी खुश हूं। बिनयुआन के बारे में क्या कहूं, उनका सिर्फ एक निशाना चूका। वे महान हैं और उनका यह प्रदर्शन अविश्वसनीय सा है। जब मैंने अपना करियर शुरु किया था तभी वे महान निशानेबाज बन गए थे। उनके साथ मुकाबला करना सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा, पिछले तीन सप्ताह से मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं, जिसका नतीजा मुझे मिला। मैंने तकनीक में थोड़ा बदलाव किया और उसका साकारात्मक असर हुआ। उन्होंने कहा, खेल के दौरान आपका खुद से बेहतर करने का मुकाबला होता है, किसी और से नहीं। फाइनल में आप सफल होते हैंया असफल। (भाषा)