मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। कुमार पर हत्या, गैर इरादतन हत्या और अपहरण के आरोप हैं और वह दिल्ली की मंडोली जेल में बंद हैं।
याचिका में कुमार के वकील प्रदीप राणा, कुमार वैभव और सत्विक मिश्रा ने कहा कि उनका मुवक्किल आईसोलेट व्हे प्रोटीन, ओमेगा-थ्री कैप्सूल, जॉइंटमेंट कैप्सूल, प्री-वर्कआउट सी4, मल्टीविटामिन आदि सप्लीमेंट लेते हैं। इसमें कहा गया कि इन आवश्यक वस्तुओं को देने से इनकार करने का कुमार के करियर पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि विशेष पोषण आहार तथा सप्लीमेंट उनकी सेहत तथा प्रदर्शन को बनाए रखने के लिहाज से अत्यंत आवश्यक हैं।
हालांकि जेल अधिकारियों ने अदालत में दिए जवाब में कहा है कि कुमार की चिकित्सीय अवस्था में फूड सप्लीमेंट या अतिरिक्त आहार के रूप में अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता नहीं है। इस पर राणा ने कहा कि विशेष आहार तथा सप्लीमेंट की मांग सुशील कुमार के निजी खर्चे पर की गई है, इसका खर्च जेल अधिकारियों को वहन नहीं करना पड़ेगा।
सुशील कुमार,डबल ओलंपिक मेडल विजेता से हत्या के आरोपी
सुशील कुमार ने पहलवान बनने की प्रेरणा उनके पिताजी से ली थी जो खुद एक पहलवान हैं। दिल्ली में जन्में 38 वर्षीय पहलवान सुशील कुमार ने बीजिंग ओलंपिक्स 2008 में 66 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। 1952 के बाद दूसरी बार उन्होंने भारत को कुश्ती में पदक जितवाया।
सुशील कुमार ने अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए लंदन ओलंपिक 2012 में इस ही वर्ग में रजत पदक जीता। इस जीत के साथ वह आजादी के बाद ओलंपिक में दो बार मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।दिल्ली (2010), ग्लास्गो (2014), गोल्डकोस्ट (2018) के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 66 और 74 किलो ग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल्स जीते। सुशील कुमार को अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी खेल पुरुस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।सुशील कुमार की लोकप्रियता युवाओं में बढ़ी और वह युवाओं में लोकप्रिय रियाल्टी शो रोडीज में जज के तौर पर भी दिखे।