पंचकुला: हरियाणा के पंचकुला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत हो चुकी है। देश भर से अलग-अलग खेलों में हिस्सा लेने के लिये टीमें आई हैं। इसी तरह खेलों में हिस्सा लेने आई आंध्र प्रदेश की महिला कबड्डी टीम की 12 में से 10 खिलाड़ी कृषि मज़दूरों की बेटियां हैं।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए उत्साहित लड़कियां न केवल पदक के लिए बल्कि भविष्य की खेल प्रतीक बनने के लिए पंचकुला पहुंच चुकी हैं।
पेशे पर शर्मिंदा नहीं है कोई भी लड़की
आंध्र प्रदेश की वंदना सूर्यकला से जब लोग उनके माता-पिता के बारे में पूछते हैं तो वंदना गुस्सा हो जाती हैं। वह कहती हैं, “ तो क्या? हर एक का पेशा है और मेरे माता-पिता पेशे से मजदूर हैं। मुझे उन पर बहुत गर्व है।”
जीएनआर जूनियर कॉलेज की पदार्पण कर रही छात्रा मुनाकला देविका एक और नवोदित खिलाड़ी हैं, जो वंदना की बात से सहमत होते हुए कहती हैं, “हमें अपने माता-पिता पर गर्व है और यह उनकी वजह से है कि हम यहां हैं। उन्होंने हमें खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे हमें वह समर्थन मिला है जिसकी हमें जरूरत है।”
परिवार के लिए खेत खरीदना चाहती है लड़कियां
जब यह खुशमिजाज लड़कियां खेल में व्यस्त नहीं होती हैं, तो वे अपने माता-पिता की खेतों में मदद करती हैं। उनका सपना है कि वे एक दिन अपने माता-पिता के लिए खेत खरीद सकें।