लखनऊ। वजन वर्ग में बदलाव के साथ विनेश फोगाट की मानसिकता में भी बदलाव आया है और इस स्टार महिला पहलवान को यह स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है कि उनका इस वर्ग में अभी दबदबा नहीं है।
विनेश का 50 किग्रा वर्ग में दबदबा रहा है। उन्होंने एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पिछले साल स्वर्ण पदक जीते लेकिन अंतिम लम्हों में कोहनी में चोट के कारण विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाईं।
इसी साल उन्होंने 53 किग्रा वर्ग में हिस्सा लेना शुरू किया है। नए वर्ग में विनेश को मिश्रित सफलता मिली। वे डेन कोलोव (रजत) और एशियाई चैंपियनशिप (कांस्य) में स्वर्ण पदक से चूक गईं लेकिन स्पेन ग्रां प्री और यासर डोगु में सोने का तमगा अपने नाम करने में सफल रहीं।
विनेश ने कहा कि नई चीजों से सामंजस्य बैठाने में समय लगता है। शारीरिक नहीं लेकिन मानसिक रूप से हमें बेहतर तैयारी करनी होगी। मुझे पता था कि 50 किग्रा वर्ग में मैं 3-4 पहलवानों के अलावा किसी अन्य को 6 मिनट भी टिकने नहीं दूंगी लेकिन 53 किग्रा वर्ग में लगाता 4-5 मुकाबले 6 मिनट तक खेलना मेरे लिए नई चुनौती है।
विनेश ने 53 किग्रा ट्रॉयल में पिंकी को 9-0 से हराकर भारत की विश्व कप टीम में जगह बनाई है। मौजूदा समय में कोई भी हमवतन विनेश को कड़ी चुनौती नहीं दे पा रही है लेकिन वे वैश्विक स्तर पर मौजूदा चुनौती से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
उन्होंने कहा कि 53 किग्रा वर्ग में सभी पहलवान मजबूत हैं, फिर ये मजबूती हो या तकनीक। मैं 50 किग्रा वर्ग में मजबूत थी लेकिन 53 किग्रा वर्ग में सभी बराबरी का है इसलिए मैं कम से कम अभी नहीं कह सकती कि किसी को इस वर्ग में 6 मिनट तक नहीं टिकने दूंगी।
विनेश से जब यह पूछा गया कि 53 किग्रा वर्ग में आने के बाद से उन्होंने अपनी ट्रेनिंग में क्या बदलाव किया है? तो उन्होंने कहा कि मैंने जिम और मैट दोनों पर अपने शरीर के ऊपरी हिस्से पर काफी ध्यान लगाया है। मैं उन पहलवानों के वीडियो भी देख रही हूं जिनके खिलाफ अब तक नहीं खेली हूं। मैं रोजाना यह काम करती हूं।
उन्होंने कहा कि मैं किसी 1, 2 या 3 खिलाड़ियों को प्राथमिकता नहीं दे रही। मैं सभी पर ध्यान लगा रही हूं। 50 किग्रा वर्ग में मैं आपको 3 या 4 नाम बता सकती हूं लेकिन 53 किग्रा वर्ग में सभी समान हैं। मैं इस मानसिकता के साथ तैयारी कर रही हूं कि मुझे पूरे 6 मिनट तक अच्छी टक्कर देनी है। (भाषा)