नई दिल्ली। 5 बार के विश्व चैंपियन और सुपर ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद 12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शतरंज ओलंपियाड में उतरेंगे।
शतरंज ओलंपियाड दुनियाभर में शतरंज खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक के समान है। शतरंज ओलंपियाड का आयोजन 23 सितंबर से 6 अक्टूबर तक जॉर्जिया के बटुमी में होना है। शतरंज ओलंपियाड में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम के लिए गुरुवार रात यहां एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जहां खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी गईं।
भारतीय शतरंज के सबसे बड़े योद्धा आनंद ने इस बार फैसला किया है कि वे ओलंपियाड में उतरकर देश को स्वर्ण पदक दिलाएंगे। आनंद 12 साल के लंबे अंतराल के बाद टीम में शामिल हो रहे हैं। आनंद के साथ पुरुष टीम में पी. हरिकृष्णा, विदित गुजराती, बी. अधिबान और के. शशिकरण रहेंगे।
आनंद ने इस अवसर पर कहा कि इस बार हमारी टीम में अनुभव, कौशल, अटैक और डिफेंस का एक सुपर संयोजन है। यह अब तक की सबसे अच्छी भारतीय टीम है और स्वर्ण जीतना इस बार हमारा सपना है। महिला टीम के लिए ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने इस वर्ष टीम में शामिल होने का फैसला किया है। इससे टीम को बढ़ावा मिलेगा। 2012 में उनके बिना भारत चौथे स्थान पर रहा था और 2016 में मजबूत प्रतिस्पर्धा में 5वें स्थान पर रहा था।
महिला टीम में हम्पी के बाद दूसरी ग्रैंडमास्टर डी. हरिका हैं। टीम में तानिया सचदेव भी शामिल हैं, जो पिछले 1 दशक में देश की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी रही हैं। इनके अलावा टीम में 3 बार राष्ट्रीय चैंपियन पद्मिनी राऊत और ईशा करावड़े शामिल हैं।
भारतीय टीम को शुभकामनाएं देते हुए अखिल भारतीय शतरंज संघ (एआईसीएफ) के अध्यक्ष पीआर वेंकटरमा राजा ने कहा कि 43वें शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीमों की भागीदारी वास्तव में उत्साहित करने वाली है। हम एआईसीएफ में इस साल स्वर्ण जीतने के लिए एक मजबूत टीम और रणनीति बनाने में प्रयास कर रहे हैं। टीम में कई ग्रैंडमास्टर्स के रहने से हमारी उम्मीदें बढ़ गई हैं। मैं सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देता हूं।
एआईसीएफ के सचिव भरत चौहान ने कहा कि हम दोनों ओपन और महिला वर्ग में पदक जीतने का लक्ष्य रखते हैं। पहली बार हमारे पास दोनों टीमों के लिए प्रायोजक है। हम समर्थन के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण और सरकार के प्रति बहुत ऋणी हैं। पहली बार हमारे पास शतरंज में रैमको समूह की कंपनियों के रूप में कॉर्पोरेट प्रायोजक है।