लंदन। विंबलडन चैंपियनशिप के पहले ही दौर में दिग्गज खिलाड़ी स्टेनिसलास वावरिंका को हराकर सुर्खियों में आए रूसी टेनिस खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव को दूसरे राउंड में उनके अनुशासनहीन व्यवहार के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।
पुरुष एकल के दूसरे दौर में मेदवेदेव को रूबेन बेमेलमास से 6-4, 6-2, 3-6, 2-6, 6-3 से मैराथन संघर्ष में हार झेलनी पड़ी। मेदवेदेव ने पांचवें सेट में तो कोर्ट सुपरवाइजर से अंपायर मारियाना एल्वस तक को हटाने की मांग की थी।
इसके बाद 21 वर्षीय खिलाड़ी मैच के दौरान विवादास्पद अंपायर कॉल के कारण इस कदर भड़क गए कि मैच समाप्त होने के बाद उन्होंने अपने वॉलेट से एक सिक्का निकालकर उसे अंपायर चेयर की ओर फेंक दिया।
वहीं बीबीसी टेनिस ने भी इसकी कड़ी आलोचना करते हुए ट्विटर पर लिखा 'यह काफी हैरान करने वाली घटना है और हमने विंबलडन में ऐसा पहले कभी नहीं देखा है।'
मेदवेदेव ने इस बारे में पूछने पर कहा कि उनके इस व्यवहार का कोई और मतलब नहीं था। संवाददाता सम्मेलन में टेनिस खिलाड़ी से इसे लेकर ढेरों सवाल पूछे गए। उन्होंने साथ ही कहा कि जब वह अंपायर से मिलेंगे तो निजी तौर पर इसके लिए माफी मांग लेंगे।
उन्होंने कहा मैं बहुत गुस्से में था और इसका कोई मतलब नहीं था। मैंने इसके बारे में सोचा नहीं और ऐसा कर दिया। विश्व के 49वें नंबर के रूसी खिलाड़ी ने साथ ही माना कि उनका यह व्यवहार बेवकूफी से भरा था।
उन्होंने कहा मैं बहुत बेवकूफ था। यह गलत था लेकिन उस समय मैं अपने बैग बांध रहा था और अपना वॉलेट
देखा। गुस्से में मैंने ऐसी गलती कर दी। मुझे उस सिक्के के बारे में याद भी नहीं है।
हालांकि मेदवेदेव पहली बार किसी अधिकारी से नहीं भिड़े हैं। गत वर्ष उन्हें अमेरिका में चैलेंजर्स टूर्नामेंट से अपने विपक्षी खिलाड़ी डोनाल्ड यंग के खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी के कारण बाहर कर दिया गया था। (वार्ता)