लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को बीते 5 माह में शेयर बाजार से 46.49 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है। यह मुनाफा रायबरेली लोकसभा के लिए उनके द्वारा भरे गए चुनावी नामांकन में दर्ज शेयरों के आधार पर कैलकुलेट किया गया है। 15 मार्च, 2024 को उनके पोर्टफोलियो की वैल्यू 4.33 करोड़ रुपए थी। शेयर बाजार में 12 अगस्त, 2024 तक उनके पोर्टफोलियो की कीमत बढ़कर 4.80 करोड़ रुपए हो गई है।
राहुल के पोर्टफोलियों में क्या है खास : कांग्रेस नेता के पोर्टफोलियों में कुल 24 कंपनियां है। राहुल ने टाटा की टाइटन, बजाज, पीडीलाइट इंडस्ट्रीज, नेस्ले इंडिया, ICICI बैंक और एशियन पेंट्स जैसी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है। उनके पास पीडीलाइट के 1474 शेयर हैं जिनका बाजार मूल्य अप्रैल की शुरुआत में 42.27 लाख रुपए था। उन्होंने नेस्ले इंडिया के 1370 शेयर खरीदे। इनका बाजार मूल्य उस समय 35 लाख रुपए से अधिक था।
गांधी की यह टिप्पणी हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म ने शनिवार रात जारी अपनी रिपोर्ट में संदेह जताया है कि अडाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है।
गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की शुचिता, इसकी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं : सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडाणी?