विवेकानंद जी के अनमोल वचन युवाओं में भर देंगे जोश और उत्साह

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स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) यानी नरेंद्र दत्त एक आध्यात्मिक गुरु एवं समाज सुधारक थे। वे कहते थे कि युवा (Yuva) किसी भी देश की सबसे बहुमूल्य संपत्ति होता हैं। विवेकानंद ने युवाओं (Youth) को अनंत ऊर्जा का स्रोत बताया है। उन्होंने कहा था, अगर युवाओं की उन्नत ऊर्जा को सही दिशा प्रदान कर दी जाए तो राष्ट्र (India) के विकास को नए आयाम मिल सकते हैं। 
 
यहां पढ़ें स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल वचन (Vivekanand Famous quotes)- 
 
1. हे विद्वन! डरो मत; तुम्हारा नाश नहीं हैं, संसार-सागर से पार उतरने का उपाय है। जिस पथ के अवलंबन से यती लोग संसार-सागर के पार उतरे हैं, वही श्रेष्ठ पथ मैं तुम्हें दिखाता हूं!
 
2. हे सखे, तुम क्यों रो रहे हो? सब शक्ति तो तुम्हीं में हैं। हे भगवन्, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो। ये तीनों लोक तुम्हारे पैरों के नीचे हैं। जड़ की कोई शक्ति नहीं प्रबल शक्ति आत्मा की है। Swami Vivekananda Motivational Quotes
 
3. बड़े-बड़े दिग्गज बह जाएंगे। छोटे-मोटे की तो बात ही क्या है! तुम लोग कमर कसकर कार्य में जुट जाओ, हुंकार मात्र से हम दुनिया को पलट देंगे। अभी तो केवल मात्र प्रारंभ ही है। किसी के साथ विवाद न कर हिल-मिलकर अग्रसर हो- यह दुनिया भयानक है, किसी पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण नहीं है, मां मेरे साथ हैं- इस बार ऐसे कार्य होंगे कि तुम चकित हो जाओगे। भय किस बात का? किसका भय? वज्र जैसा हृदय बनाकर कार्य में जुट जाओ।
 
4. तुमने बहुत बहादुरी की है। शाबाश! हिचकने वाले पीछे रह जाएंगे और तुम कूद कर सबके आगे पहुंच जाओगे। जो अपने उद्धार में लगे हुए हैं, वे न तो अपना उद्धार ही कर सकेंगे और न दूसरों का। ऐसा शोरगुल मचाओ कि उसकी आवाज दुनिया के कोने-कोने में फैल जाए। कुछ लोग ऐसे हैं, जोकि दूसरों की त्रुटियों को देखने के लिए तैयार बैठे हैं, किंतु कार्य करने के समय उनका पता नहीं चलता है। जुट जाओ, अपनी शक्ति के अनुसार आगे बढ़ो। इसके बाद मैं हूं ना, सारे देश में उत्तेजना फूंक दूंगा। डर किस बात का है? नहीं है, नहीं है, कहने से सांप का विष भी नहीं रहता है। नहीं नहीं कहने से तो 'नहीं' हो जाना पड़ेगा। खूब शाबाश! छान डालो- सारी दुनिया को छान डालो! अफसोस इस बात का है कि यदि मुझ जैसे दो-चार व्यक्ति भी तुम्हारे साथी होते तो तमाम संसार हिल उठता। क्या करूं धीरे-धीरे अग्रसर होना पड़ रहा है। तूफान मचा दो तूफान! 
 
5. किसी बात से तुम उत्साहहीन न होओ; जब तक ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी पर हमारी उपेक्षा कर सकता है? यदि तुम अपनी अंतिम सांस भी ले रहे हो तो भी न डरना। सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता के साथ काम करते रहो।
 
6. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निंदा, लक्ष्मी तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या एक युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
 
7. 'श्रेयांसि बहुविघ्नानि'- अच्छे कर्मों में कितने ही विघ्न आते हैं। प्रलय मचाना ही होगा, इससे कम में किसी तरह नहीं चल सकता। कुछ परवाह नहीं।
 
8. दु‍निया भर में प्रलय मच जाएगा, वाह! गुरु की फतह! अरे भाई 'श्रेयांसि बहुविघ्नानि', उन्ही विघ्नों की रेल पेल में आदमी तैयार होता है। मिशनरी फिशनरी का काम थोड़े ही है जो यह धक्का संभाले! ....बड़े-बड़े बह गए, अब गडरिए का काम है जो थाह ले? यह सब नहीं चलने का भैया, कोई चिंता न करना।
 
9. आज्ञा पालन करो। सत्य, मनुष्य, जाति और अपने देश के पक्ष पर सदा के लिए अटल रहो और तुम संसार को हिला दोगे। याद रखो- व्यक्ति और उसका जीवन ही शक्ति का स्रोत है, इसके सिवाय अन्य कुछ भी नहीं। 
 
10 सभी कामों में एक दल शत्रुता ठानता है; अपना काम करते जाओ किसी की बात का जवाब देने से क्या काम? 'सत्यमेव जयते नानृतं, सत्येनैव पन्था विततो देवयानः' यानी सत्य की ही विजय होती है, मिथ्या की नहीं; सत्य के ही बल से देवयानमार्ग की गति मिलती है।' ...धीरे-धीरे सब होगा। वीरता से आगे बढ़ो। एक दिन या एक साल में सिध्दि की आशा न रखो। उच्चतम आदर्श पर दृढ़ रहो। स्थिर रहो। स्वार्थपरता और ईर्ष्या से बचो। Swami Vivekananda Quotes

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