गुझिया
सामग्री : 500 ग्राम मैदा, 250 ग्राम शकर, 125 ग्राम चने की दाल, 250 ग्राम दूध, 100 ग्राम मावा (सिंका हुआ), बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता, चारोली 10 ग्राम, मीठा रंग चुटकीभर, केसर 2 चुटकी, 6-7 पिसी छोटी इलायची, घी एवं वर्क।
विधि : चने की दाल को दूध में रात को गलने रख दीजिए और सुबह 3-4 सीटी देकर कुकर में पका लीजिए। अब मिक्सी में बारीक कर लें। कढ़ाई में पिसी दाल और 100 ग्राम शकर मिलाकर मध्यम आंच पर पकने रखिए। गाढ़ा होने पर इसमें सिंका मावा मिला दीजिए और मेवे की सारी सामग्री डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब मैदे में थोड़ा-सा नमक एवं एक बड़ा चम्मच घी का मोयन देकर गुनगुने पानी से गूंथिए। छोटी-छोटी लोइयां बनाइए, पूरियां बेलिए।
तत्पश्चात गुझिया बनाने वाले सांचे में पूरी रखिए, आवश्यकतानुसार मिश्रण रखिए, पूरी के किनारों पर पानी अंगुली में लगाकर फेरिए। गुझिया चिपकाइए। एक कड़ाही में घी गरम करके सब गुझियों को खस्ता होने तक तल लीजिए। अब बची शकर की चाशनी बनाकर इसमें केशरिया रंग घोलिए। गुझियों को एक-एक कर चाशनी में डुबोकर एक थाली में निकालिए और चांदी का वर्क लगाकर पेश करें।
सामग्री : 2 किलो ताजा दही, मेवे की कतरन, चुटकी भर जायफल पाउडर, 5-10 लच्छे केसर, 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर, शकर स्वादानुसार।
1/2 चम्मच दूध में केसर डालकर कुछ देर भीगे दें, फिर घोट लें। अब इलायची पाउडर, मेवे की कतरन, जायफल पाउडर और घोंटी हुई केसर मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। फिर फ्रिज में अच्छी तरह ठंडा होने दें और पश्चिम भारत की पारंपरिक मिठाई श्रीखंड को होली के पर्व पर पेश करें।
होली की ठंडाई
सामग्री : 400 मिली. दूध, 2 बड़ा चम्मच खसखस, 15-20 बादाम (पानी में भीगे हुए), 2 चम्मच सौंफ, 8 इलायची, 2 चम्मच काली मिर्च, 2 चम्मच जीरा, केसर के लच्छे, पानी, कुछेक मात्रा में आइस क्यूब, चीनी स्वादानुसार।