आज हनुमान जयंती है। आज के दिन हनुमान जी को लड्डू या बूंदी के प्रसाद का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते है। वैसे तो पवनपुत्र हनुमान जी का पूजन मंगलवार और शनिवार के दिन करने का विशेष महत्व है। लेकिन अगर आप हनुमान जयंती के दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए निम्न मिठाई, पकवानों का प्रसाद या भोग लगाएं, तो निश्चित ही आप पर उनकी कृपा बरसेगी और जीवन के हर संकट दूर होंगे।
आपके लिए प्रस्तुत हैं हनुमान जी को प्रिय 5 विशेष भोग :-
केसरिया बूंदी लड्डू
सामग्री : 3 कटोरी बेसन (दरदरा पिसा हुआ), 2 कटोरी चीनी, एक छोटा चम्मच इलायची पावडर, काजू अथवा बादाम पाव कटोरी, केसर 5-6 लच्छे, मीठा पीला रंग चुटकी भर, तलने के लिए पर्याप्त मात्रा में देसी घी, पाव कप दूध।
विधि : सबसे पहले बेसन को छान लें। उसमें चुटकी भर मीठा पीला रंग मिलाइए और पानी से घोल तैयार कर लीजिए। अब एक तपेले में पानी एवं शकर को मिलाकर एक तार की चाशनी तैयार कर लें। चाशनी में थोड़ा-सा पीला रंग और केसर हाथ से मसलकर डाल दीजिए। साथ ही पिसी इलायची भी डाल दें।
एक कड़ाही में घी गर्म करके छेद वाली स्टील की चलनी या झारे की सहायता से थोड़ी-थोड़ी करके सारे घोल की बूंदी बनाते जाइए और चाशनी में डालते जाइए। जब बूंदी पूरी तरह चाशनी पी लें, तब हाथ पर हल्का-सा घी या पानी लगाकर हल्के से दबाते हुए सभी बूंदी के लड्डू तैयार कर लें। लड्डू बनाते समय सभी पर एक-एक काजू अथवा बादाम लड्डू के ऊपर हाथ से दबा दें। घर पर तैयार किए गए इन खास लड्डूओं से भोग लगाएं।
रसीली इमरती
सामग्री : 250 ग्राम छिल्केरहित उड़द की दाल, 50 ग्राम अरारोट, 500 ग्राम शकर, 1 चुटकी केसरिया पीला रंग खाने का, तलने के लिए घी, जलेबी बनाने वाला गोल छेद का रुमाल के बराबर मोटा कपड़ा।
विधि : सबसे पहले उड़द की दाल को धोकर 4-5 घंटे पानी में गलाइए। निथारकर मिक्सर में हल्का-सा पानी का छींटा देकर चिकना पीसिए। पिसी हुई दाल में पीला रंग और अरारोट मिलाकर खूब अच्छी तरह फेंटिए (थाली या परात में हथेली की सहायता से फेंटने में आसानी रहेगी)। अब शकर की डेढ़ तार की चाशनी बनाइए। एक समतल कड़ाही लेकर उसमें घी गर्म करें।
जलेबी बनाने वाले कपड़े में फेंटी हुई दाल का थोड़ा घोल भरें। मुट्ठी से कपड़ा बंद कर तेज आंच पर गोल-गोल कंगूरेदार इमरती बनाकर कुरकुरी तलिए। झारे से निथारकर इन्हें चाशनी में डुबोकर निकाल लें। लीजिए घर पर बनी रसीली इमरती तैयार है। इस पकवान से भगवान को भोग लगाएं।
बेसन के लड्डू
सामग्री : एक कप दरदरा पिसा मोटा बेसन, 4-5 बड़ा चम्मच घी, शकर बूरा एक कप, 1 चम्मच पिसी इलायची, चांदी का वर्क, मेवे की कतरन अंदाज से।
विधि : सबसे पहले एक कड़ाही में बेसन लेकर 4-5 चम्मच घी डालें व लगातार चलाते रहें, जब तक कि बेसन हल्का भूरा ना हो जाए। यह भी ध्यान रखें कि बेसन जल न जाएं। अब ठंडा करें। अब शकर बूरा, पिसी इलायची व मेवे की कतरन डालकर चलाते रहें। जब गुनगुना हो जाए तब इसके लड्डू बनाएं और ऊपर से चांदी का वर्क लगाकर भगवान को भोग लगाएं। इसमें आप घी तथा शकर अपने हिसाब से कम-ज्यादा भी कर सकते हैं।
मालपुआ
सामग्री : एक कप ताजा दूध, एक कप मैदा, एक कप चीनी, एक चम्मच नींबू रस, एक चम्मच सौंफ, तेल (तलने और मोयन के लिए), पाव कटोरी मेवे की कतरन।
विधि : सबसे पहले मैदा छानकर उसमें 2 चम्मच तेल का मोयन मिलाकर दूध तथा सौंफ डालकर गाढ़ा घोल तैयार कर लें। अब एक बर्तन में चीनी, नींबू रस और पानी डालकर चाशनी तैयार कर लें।
तत्पश्चात एक कड़ाही में तेल गरम करके एक कड़छी से घोल डालें और कुरकुरा होने तक तल लें। फिर चाशनी में डुबोकर एक अलग बर्तन में रखते जाएं। ऊपर से मेवे की कतरन बुरकाकर भोग लगाएं।
मलाई-मिश्री के लड्डू
सामग्री : सूखे खोपरे का बूरा 150 ग्राम, 200 ग्राम मिल्क मेड, एक कप गाय के दूध की फ्रेश मलाई, आधा कप गाय का दूध, इलायची पावडर, 5 छोटे चम्मच मिल्क पावडर, कुछेक लच्छे केसर।
विधि : सर्वप्रथम खोपरा बूरा, मिल्क मेड, दूध, मिल्क पावडर और पिसी इलायची को अच्छी तरह मिला लें। तत्पश्चात माइक्रोवेव में 5-7 मिनट तक इसे माइक्रो कर लें। अब भरावन सामग्री को अलग से 1 कटोरे में मिक्स कर लें। 1 छोटी कटोरी में 4-5 केसर के लच्छे कम पानी में गला दें।
अब माइक्रोवेव से निकले मिश्रण को 10-15 मिनट तक सूखने दें, फिर उसमें भरावन मसाला सामग्री डालकर मिश्रण को अच्छी तरह मिलाएं और उसके छोटे-छोटे लड्डू बना लें। सभी लड्डू तैयार हो जाने पर उनके ऊपर केसर का टीका लगाएं। ऊपर से केसर-पिस्ता से सजाएं और मलाई-मिश्री के लड्डू पेश करें।