दुबई:इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के क्रिकेटर टी20 विश्व कप में शनिवार को अपने पहले मैच से पूर्व नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन के लिये घुटने के बल बैठेंगे।इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले साल घरेलू श्रृंखला में भी ब्लैक लााइव्स मैटर अभियान को समर्थन दिया था। यह पूछने पर कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में ही इंग्लैंड ने ऐसा करने का फैसला क्यो किया, कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा कि खिलाड़ी इस आंदोलन के साथ हैं।
उन्होंने कहा , हम कल वेस्टइंडीज के साथ नस्लवाद के खिलाफ अभियान को समर्थन देंगे। हमारा मानना रहा है कि हमें स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर बदलाव लाने की इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिये।उन्होंने कहा, अगर हम हर मैच से पहले ऐसा कर पाते तो जरूर करते । हमें खुशी है कि कल ऐसा करने का मौका मिला है।
क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप की दमदार टीमों में से एक और दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज की संघर्षरत टीम को आईसीसी टी20 विश्व कप के शनिवार को यहां होने वाले सुपर 12 के पहले मैच में इंग्लैंड की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों टीमों के खिलाफ ही टी-20 विश्वकप 2016 का अंतिम मैच खेला गया था जिसमें अंतिम ओवर की पहली 4 गेंदो पर कार्लोस ब्रेथवेट ने छक्के लगा दिए थे और बेन स्टोक्स मन मसोस कर रह गए थे।
वेस्टइंडीज की टीम में टी20 के कई विस्फोटक बल्लेबाज हैं लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के खिलाफ अभ्यास मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण टीम का मनोबल गिरा होगा। कीरोन पोलार्ड की अगुवाई वाली टीम को न सिर्फ अपने खेल में सुधार करने बल्कि खिलाड़ियों का मनोबल बनाये रखने की भी जरूरत पड़ेगी।
दोनों अभ्यास मैचों में वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी अच्छी नहीं रही। पाकिस्तान के खिलाफ कैरेबियाई टीम सात विकेट पर 130 रन ही बना पायी जबकि अफगानिस्तान के खिलाफ 189 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पांच विकेट पर 133 रन तक ही पहुंच पायी थी।
अफगानिस्तान के खिलाफ केवल रोस्टन चेज टिककर खेल पाये लेकिन उन्होंने भी अपने 54 रन के लिये 58 गेंदें खेली। दोनों मैचों में उसका कोई भी बल्लेबाज अपनी अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया।
पाकिस्तान के खिलाफ पोलार्ड ने 10 गेंदों पर 23 रन बनाये और डेथ ओवरों में उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी अब भी टीम के लिये बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
वेस्टइंडीज को अगर कम से कम तीन मैच जीतकर सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई करना है तो इविन लुईस, लेंडल सिमन्स, शिमरोन हेटमायर और निकोलस पूरण जैसे बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
वेस्टइंडीज के लिये क्रिस गेल की फॉर्म सबसे बड़ी चिंता है जो कि कैरेबियाई प्रीमियर लीग के नौ मैचों में केवल 165 रन बना पाये थे और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के यूएई चरण में पंजाब किंग्स की तरफ से केवल दो मैच ही खेल पाये थे।
अनुभवी आलराउंडर आंद्रे रसेल फिटनेस संबंधी मसलों के कारण परेशान हैं। जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वह यूएई में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से केवल तीन मैचों में खेले थे।
गेंदबाजी की बात की जाए तो अभ्यास मैचों में केवल स्पिनर हेडन वाल्श और बायें हाथ के तेज गेंदबाज ओबेद मैकॉय ही प्रभाव छोड़ पाये थे।
दूसरी तरफ मौजूदा वनडे विश्व चैंपियन इंग्लैंड 2016 की कड़वी यादों को भुलाकर नये सिरे से शुरुआत करने के लिये तैयार है। वेस्टइंडीज के कार्लोस ब्रेथवेट ने 2016 में फाइनल में लगातार चार छक्के जड़कर इंग्लैंड की खिताब जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।
इंग्लैंड का सामना फिर से उसी टीम से है तथा इयोन मोर्गन की अगुवाई वाली टीम इस बार किसी तरह की ढिलायी नहीं बरतना चाहेगी।
बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर और सैम करेन की अनुपस्थिति के बावजूद इंग्लैंड की टीम संतुलित लगती है। उसकी बल्लेबाजी में जैसन रॉय, जोस बटलर और जॉनी बेयरस्टॉ जैसे आक्रामक बल्लेबाज हैं जो किसी भी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाने में सक्षम हैं।
इंग्लैंड अपने पहले अभ्यास मैच में भारत से हार गया था लेकिन उसने दूसरे मैच में न्यूजीलैंड को हराकर अच्छी वापसी की थी।
भारत के खिलाफ बेयरस्टॉ और मोईन अली जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ बटलर ने अच्छी बल्लेबाजी की थी।इंग्लैंड की गेंदबाजी का दारोमदार मार्क वुड, आदिल राशिद, डेविड विली, क्रिस वोक्स और मोईन पर टिका रहेगा।(भाषा)