तालिबान के सामने नकदी का संकट, पैसे पर अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का नियंत्रण

Webdunia
शुक्रवार, 20 अगस्त 2021 (22:58 IST)
वॉशिंगटन। तालिबान के सामने अफगानिस्तान पर अपने नियंत्रण को मजबूत बनाने में बहुत बड़ी चुनौती पेश आ रही है और वह है पैसा। पिछले सप्ताह की अपनी वर्चस्वशीलता के बावजूद तालिबान की सेंट्रल बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के अरबों डॉलर तक पहुंच नहीं है, जो इस उथल-पुथल के दौर में देश को चलाता रहता।

ALSO READ: जयशंकर ने की दोहा में कतर के विदेश मंत्री से अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा
 
ये पैसे मुख्य रूप से अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के नियंत्रण में हैं। वैसे इस दृष्टि से यह फायदे का सौदा है कि राजधानी काबुल के हवाई अड्डे से लोगों को (खासकर विदेशियों को) निकालने का तनावपूर्ण कार्य चल रहा है। अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी की 31 अगस्त की समय सीमा के पहले हजारों लोगों को निकाला जाना है।

ALSO READ: ‘तालिबानी सरकार’ को लेकर अमेरिका से हुआ था ‘सौदा’, 31 अगस्त तक नहीं बनेगी सरकार
 
लेकिन तालिबान के पास इस धन को ग्रहण करने के लिए कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं है, यानी ऐसी चुनौतियों का संकेत है, जो तालिबान के सामने अर्थव्यवसथा को चलाने के प्रयास में खड़ी हो सकती है। वैसे भी अफगान अर्थव्यवस्था अब शहरीकृत है और 2 दशक के पहले की तुलना में तिगुणी है जब तालिबान शासन में था।
 
इस कमी से आर्थिक संकट पैदा हो सकता है, जो उन 3.6 करोड़ अफगानों के लिए मानवीय संकट गहरा कर सकता है जिनके देश में ठहरने की संभावना है। अफगान रणनीति पर अमेरिका सरकार को सलाह देने वाले एंथनी कोर्ड्समैन ने कहा कि यदि उनके पास काम नहीं होगा तो वे लोगों का पेट नहीं भर पाएंगे। तालिबान को जवाब ढूंढना होगा। फंसी हुई रकम अमेरिका के लिए तालिबान पर दबाव बनाने का स्रोत हो सकती है। कोर्ड्समैन ने कहा कि दबाव बनाने के लिए आपको उन तरीके पर सौदेबाजी के लिए इच्छुक होना होगा जिसे तालिबान स्वीकार कर सके।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख