Hariyali Teej 2024: बुधवार को हरियाली तीज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, विधि महत्व और मंत्र

WD Feature Desk
मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (12:43 IST)
Hariyali Teej 2024 
 
Highlights 
 
हरियाली तीज कब मनाई जा रही है।
हरियाली तीज की पूजन सामग्री की लिस्ट।
हरियाली तीज पर जानें सरल पूजन विधि। 

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Hariyali Teej 2024 : हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार आमतौर पर हरियाली तीज नाग पंचमी पर्व के 2 दिन पूर्व यानि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। वर्ष 2024 में 07 अगस्त, दिन बुधवार को हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है। 
 
महत्व : सावन मास का यह तीज पर्व सुहागिनों के लिए सबसे खास माना गया है, जो कि करवा चौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन माना जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। श्रावण के पवित्र महीने में पड़ने वाला तीज का यह त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। तथा इस दिन वि‍वाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे आरोग्य के लिए उपवास रखकर भगवान शिव और मां पार्वती का पूजनना करती हैं। 
 
आइए यहां जानते हैं वर्ष 2024 में पड़ने वाली हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त, पूजन की खास सामग्री, मंत्र और सरल पूजा विधि के बारे में... 

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हरियाली तीज 07 अगस्त 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त : Hariyali Teej Muhurta 2024
 
श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ- 06 अगस्त, 2024, मंगलवार को शाम 07:52 बजे से,
तृतीया तिथि का समापन- बुधवार, 07 अगस्त 2024 को रात्रि 10:05 मिनट पर होगा। 
 
बुधवार का चौघड़िया
लाभ- सुबह 05:46 से 07:26 मिनट तक।
अमृत- सुबह 07:26 से 09:06 मिनट तक।
शुभ- सुबह 10:46 से 12:27 मिनट तक।
चर- दोपहर 03:47 से 05:27 मिनट तक।
लाभ- शाम 05:27 से 07:07 मिनट तक।
 
रात्रि का चौघड़िया
शुभ- रात 08:27 से 09:47 मिनट तक।
अमृत- रात 09:47 से 11:07 मिनट तक।
चर- रात्रि 11:07 से 08 अगस्त 12:27 मिनट तक।
लाभ- अर्द्धरात्रि 03:07 से 08 अगस्त 04:27 मिनट तक।
 
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- तड़के 04:21 से 05:03 तक।
प्रातः सन्ध्या- तड़के 04:42 से 05:46 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:40 से 03:34 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:07 से 07:29 तक।
सायाह्न सन्ध्या- सायं 07:07 से 08:11 तक।
अमृत काल- अपराह्न 01:22 से 03:09 तक।
निशिता मुहूर्त- 08 अगस्त अर्द्धरात्रि 12:06 से 12:48 तक।
रवि योग- रात 08:30 से 08 अगस्त को सुबह 05:47 तक। 
आज कोई अभिजित मुहूर्त नहीं है।
 
माता पार्वती जी के श्रृंगार, पूजन की आवश्यक सामग्री की सूची : Pujan Samgri List 
 
नए वस्त्र,  
धागा,
बेल पत्र, 
केले के पत्ते, 
धतूरा, 
आंक पेड़ के पत्ते, 
तुलसी, 
शमी के पत्ते, 
काले रंग की गीली मिट्टी, 
जनेऊ, 
सुहागिन के श्रृंगार की चीजें 
चूडियां, 
महौर, 
खोल, 
सिंदूर, 
बिछुआ, 
मेहंदी, 
सुहाग चूड़ा, 
कुमकुम, 
कंघी, 
कलश, 
अबीर, 
चंदन, 
तेल और घी, 
कपूर, 
दही, 
श्रीफल,
चीनी, 
शहद,
दूध, 
पंचामृत आदि।

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हरियाली तीज पूजा विधि : Puja Vidhi 
 
- हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह से रात तक व्रत रखती हैं।
 
- इस व्रत में रात भर पूजन किया जाता है। 
 
- इस उपलक्ष्य में बालू के भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है।
 
- एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।
 
- प्रतिमा बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहने से इसका पूरा फल मिलता है।
 
- पूजन-पाठ के बाद महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करती है।
 
- पूरे दिन में पड़ने वाले हर प्रहर को इनकी पूजा करते हुए बिल्वपत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते, केवड़ा अर्पित किया जाता है। 
 
- साथ ही आरती भी की जाती है। 
 
देवी पार्वती के पूजन के मंत्र : Mantras 
- ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:,
- ॐ शांतिरूपिण्यै नम:,
- ॐ शिवायै नम:
- ॐ उमायै नम:,
- ॐ पार्वत्यै नम:,
- ॐ जगद्धात्र्यै नम:,
 
शिव आराधना के मंत्र : 
- ॐ शिवाय नम:,
- ॐ महादेवाय नम:
- ॐ हराय नम:,
- ॐ महेश्वराय नम:,
- ॐ शंभवे नम:,
- ॐ शूलपाणये नम:,
- ॐ पिनाकवृषे नम:,
-  ॐ पशुपतये नम:,

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